गया जिले में चमकी बुखार से बचाव के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद है. जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में सोमवार को एइएस-जेइ की तैयारियों पर बैठक की गयी.
सिविल सर्जन द्वारा सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को चमकी बुखार से बचाव और इलाज से संबंधित तैयारियों को लेकर आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. एइएस एसओपी के मुताबिक, एइएस किट का वितरण सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर अप्रैल माह के अंत तक हो जायेगा. इसके अलावा अप्रैल माह में ही सभी आशा को किट दिया जायेगा.
मगध मेडिकल अस्पताल अधीक्षक डॉ विनोद शंकर सिंह ने बताया कि अस्पताल में 15 बेड का पेडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट तैयार है. यहां पर 20 बेड का इन्सेफलाटिस वार्ड भी है. इसके अलावा 100 बेड का एमसीएच वार्ड होगा. सीएस
डॉ रंजन कुमार सिंह बताया कि सदर अस्पताल में पांच बेड वाला आइसीयू होगा. इसके अलावा सभी अनुमंडलीय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच बेड तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दो बेड वाले इन्सेफलाइटिस वार्ड होंगे. वहीं चमकी बुखार के किसी भी मामले की जानकारी देने या आवश्यक सलाह लेने के लिए 104 स्टेट हेल्पलाइन पर फोन किया जा सकता है.
रेफरल ट्रांसपोर्ट की होगी सुविधा
बताया गया कि बुखार के रोगी को बड़े अस्पताल रेफर करने के लिए एंबुलेंस मौजूद होगा. जिले में कुल 27 एडवांस लाइफ सपोर्ट तथा 44 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मौजूद हैं. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एक एंबुलेंस हर समय मौजूद रहेंगे. किसी विशेष परिस्थिति में एक प्रखंड के एंबुलेंस को दूसरे प्रखंड भेजे जाने की व्यवस्था होगी. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत प्राइवेट वाहनों को भी रोगियों को रेफर करने के लिए टैग किया जायेगा. सभी टैग वाहनों पर आशा वर्करों के फोन नंबर मौजूद होंगे.
चमकी बुखार से बचाव के लिए विभागीय समन्वय बनाने पर बल
चमकी बुखार से बचाव के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए काम किया जाना है. चमकी बुखार से बचाव के लिए स्कूलों में वॉल पेटिंग कराया जाना है. पैमफलेट, माइकिंग आदि के माध्यम से आमजन को चमकी बुखार से बचाव के बारे में जागरूक करना है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विलेज हेल्थ, सेनिटेशन एंड न्यूट्रिशन कमिटी में सक्रिय रूप से भाग लेना सुनिश्चित कराना है. जीविका दीदी द्वारा सामुदायिक स्तर पर चमकी बुखार पर जागरूकता लानी है. मुखिया तथा वार्ड पार्षद चमकी बुखार के लक्षणों के दिखने पर अस्पताल ले जाने में रोगी को आवश्यक मदद पहुंचायेंगे. पशुपालन विभाग की ओर से सुअर पालन क्षेत्र में सर्विलांस किया जाना है.
इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं
- सुबह उठते ही बच्चों को जगाएं देखें कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं है.
- बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जायें.
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में डीपीएम नीलेश कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ कुणाल, जेपीएन अस्पताल के डीएस डॉ चंद्रशेखर, मगध मेडिकल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार, शिशु रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ रविंद्र कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी निर्मल कुमार, डीआइओ डॉ राजीव अंबष्ट, डीवीबीडीसीओ डॉ एमइ हक, युनिसेफ प्रतिनिधि, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं हेल्थ मैनेजर तथा विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.