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पितृपक्ष मेला 2024: गया में पिंडदानियों के ठहरने की यहां है पूरी व्यवस्था, टेंट सिटी की भी है सुविधा…

पितृपक्ष मेला 2024 का शुभारंभ मंगलवार को हो गया है. गया में पिंडदान करने के लिए तीर्थ यात्रियों का जत्था पहुंचने लगा है. प्रशासन की ओर से ठहरने व अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया गया है.

बिहार के गया में पितृपक्ष मेला 2024 का शुभारंभ 17 सितंबर, मंगलवार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अनंत चतुर्दशी को हो गया. सूबे के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस विश्व प्रसिद्ध मेले का उद्घाटन किया. यह मेला 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा. 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले के पहले दिन मंगलवार को गयाजी के गोदावरी सरोवर या पुनपुन नदी में पिंडदान किया गया. जो श्रद्धालु पुनपुन जाने में असमर्थ रहे उन्होंने विधान के तहत गयाजी के गोदावरी सरोवर में पिंडदान किया. पर्यटन विभाग ने पिंडदानियों के लिए विशेष व्यवस्था की है.

जुटेंगे लाखों श्रद्धालु, प्रशासन ने की विशेष तैयारी

गया में पिंडदान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने विशेष व्यवस्था की है. इस बार 15 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के यहां आने की संभावना है. इस संभावना को लेकर विष्णुपद सहित अन्य सभी वेदी स्थलों व उसके आसपास के क्षेत्रों व मेला क्षेत्र से जुड़ने वाले सभी पहुंच पथों पर सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के ठहरने, स्वास्थ्य शिविर, पानी, रोशनी व बुनियादी जरूरतों की व्यवस्था की गयी है. प्रशासन ने तमाम तैयारियां कर ली हैं. वहीं पुलिस कैंप भी बनाए गए हैं.

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मेला शुरू होने से पहले ही जुटे हजारों तीर्थयात्री

जिला प्रशासन के अनुसार, 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले में 15 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना है. प्रशासनिक स्तर से इन श्रद्धालुओं के लिए मेला शुरू होने से पहले तमाम तैयारियां कर ली गयी थीं. तीर्थ यात्रियों का जत्था दूसरे राज्यों से भी गया आने लगा है. मेला शुरू होने से पहले ही गया में करीब 40 हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंच चुके थे. अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर ये श्रद्धालु पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड कर रहे हैं. राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश व अन्य जिलों से भी तीर्थयात्री पहुंचे हैं.

पंडाल की सुविधा, नदी में NDRF-SDRF टीम तैनात

जिला प्रशासन व बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. तीर्थयात्री पानी व धूप से बचने के लिए पंडाल की सुविधा ले सकते हैं. सभी 54 वेदी स्थलों पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं.बारिश की वजह से इन दिनों सूबे की नदियों में जबरदस्त उफान भी देखा जा रहा है. गयाजी डैम में तीर्थ यात्रियों के लिए एहतियातन एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गयी है ताकि स्नान के दौरान किसी भी तरह के हादसे से बचा जा सके.

टेंट सिटी में ठहरने की व्यवस्था

गांधी मैदान में 2500 बेड़ों की क्षमता वाली बनी टेंट सिटी भी बनायी गयी है जिसमें श्रद्धालुओं के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गयी है.जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इसबार टेंट सिटी में व्यवस्था बढ़ायी गयी है. टेंट सिटी में नि:शुल्क ठहराने की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा 36 स्थानों पर सरकारी आवासन बनाये गये हैं, जिसमें कुल 15150 तीर्थ यात्रियों के आवासन की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. इनके अलावा निजी भवन, होटल, गेस्ट हाउसों को भी चिह्नित किया गया है, जहां 77449 यात्रियों के ठहराव की सुविधा रखी गयी है.

स्टेशन परिसर में भी ठहरने की व्यवस्था

रेलवे परिसर में तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए व्यवस्था की गयी है. पीकेएस के बगल में टिकट बुकिंग काउंटर के पास जर्मन टेंट, बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर, डेल्हा साइड वेटिंग हॉल, पिलग्रीम में कुल मिलकार 1000 से अधिक यात्रियों को स्टेशन परिसर में ठहराने की व्यवस्था की गयी है. सभी जगहों पर शौचालय की भी व्यवस्था की गयी है. रामसागर तालाब के निकट बुकिंग काउंटर के साथ गया रेलवे स्टेशन पर टीवीएम मशीन और दिव्यांग व बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों के लिए 20 व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी है. पुनपुन वेदी जाने के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलायी जा रही है.

फल्गु महाआरती का ले सकते हैं आनंद

पर्यटन विभाग जिला कार्यालय सूत्रों के अनुसार, विश्व प्रसिद्ध 17 दिवसीय (त्रिपाक्षिक) पितृपक्ष मेला महासंगम में सभी दिन बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के संयोजन में फल्गु नदी के तट पर प्रतिदिन शाम में फल्गु महाआरती की मनमोहक प्रस्तुति होगी.

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