बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला की तैयारी शुरू कर दी गयी है. गया में पितृपक्ष मेला का अयोजन 10 सितंबर से हो रहा है और 25 सितंबर तक चलेगा. गया में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने के लिए आने वाले लोगों को अब एक क्लिक में इससे जुड़ी सभी जानकारियां मिल सकेंगी. मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वड़बड़े ने बुधवार को पितृपक्ष मेला में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आइवीआरएस, मोबाइल एप के साथ वेबसाइट का लोकार्पण किया. मौके पर आयुक्त ने बताया कि तीर्थयात्री IVRS जिसका नंबर 9266628168, मोबाइल एप PINDDAAN GAYA व वेबसाइट www.pinddaangaya.bihar.gov.in पर लोग सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
पहले की तुलना में वर्तमान वर्षों में तीर्थ यात्रियों की सुविधा को सरल बनाने के बिहार सरकार व जिला प्रशासन हमेशा तत्पर रहा है. विभिन्न जानकारियों व शिकायतों के अलावा यात्रियों को मदद के लिए जिला प्रशासन की ओर से कई योजनाओं में काम पूरा किया गया है. डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने कहा कि पिंडदान एप व वेबसाइट जिला प्रशासन की ओर से प्रमंडलीय आयुक्त ने शुभारंभ किया है. इसके अलावा पहली बार आइवीआरएस का लोकार्पण भी आयुक्त ने किया है. इसमें घर बैठे देश-विदेश के कोने-कोने के तीर्थयात्री अपनी जरूरत के अनुसार पूरी जानकारी ले सकते हैं.
तीर्थ यात्रियों की समस्याओं व परेशानियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. यात्रियों की सुविधा के लिए होटलों, वाहनों की व्यवस्था, पंडा की सूची, परिवहन व्यवस्था, पर्यटक स्थलों की सूची इत्यादि की पूरी जानकारी वेबसाइट, एप व आइवीआरएस पर उपलब्ध है. आइवीआरएस के तहत सीधे तौर पर कॉल फ्लो स्थापित कराने की व्यवस्था रखी गयी है, जिसके माध्यम से एक के बाद एक नंबर डाइवर्ट होता रहेगा और सीधे संबंधित पदाधिकारी से बात कर शिकायतों का समाधान कराया जा सकता है.
इसका डैशबोर्ड के माध्यम से भी निगरानी रखी जायेगी. इसके लिए प्रशिक्षण भी सभी संबंधित पदाधिकारियों को दिया जा चुका है. इसके अलावा कंट्रोल रूम में हंटिंग लाइन की भी व्यवस्था रखी गयी है, जिसमें लोग कॉल करके अपनी समस्या रख सकते हैं और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. हर जगह आइ हेल्प यू का काउंटर बनाया जायेगा. मौके पर डीडीसी विनोद दुहन, अपर सूचना विज्ञान पदाधिकारी तरुण कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी दीपक चंद्र देव, वरीय उप समाहर्ता अमित पटेल आदि मौजूद थे.