पितरों के मोक्षधाम गयाजी तीर्थ में 17 दिवसीय पितृपक्ष मेला 2023 की शुरुआत हो गयी है. मेले के पहले दिन पुनपुन नदी अथवा गोदावरी सरोवर में पिंडदान व तर्पण किया गया. परंपरा के तहत तीर्थयात्रियों ने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना की.
पुनपुन नहीं जाने वाले तीर्थयात्रियों ने शहर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित गोदावरी सरोवर में पितरों की आत्मा के लिए पिंडदान किया. मेले के पहले दिन करीब 25 हजार तीर्थयात्री यहां पहुंचे.
फल्गु नदी के देवघाट, विष्णुपद व अक्षयवट वेदी पर पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया गया. पुनपुन नदी में माथा मुंडन कराने के बाद श्रद्धालु त्रिपाक्षिक पिंडदान के लिए गयाजी आते हैं. धार्मिक ग्रंथों व पुराणों के अनुसार माथा मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थ के समान फल की प्राप्ति होती है.
पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 में भी देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दूसरे देशों को भी तीर्थयात्री अपने पितरों की आत्मा शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान का कर्मकांड करेंगे.
जानकारी के अनुसार 30 सितंबर को यूक्रेन के 36 व रूस के 13 सहित कुल 49 विदेशी तीर्थयात्री के आने व श्राद्धकर्म करने की सूचना मिली है. वहीं अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु अपने पितरों का पिंडदान करने पहुंच रहे हैं.