19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Pitru Paksha 2024: गया में विष्णु लोक की प्राप्ति के लिए पांच लाख तीर्थयात्रियों ने किया श्राद्ध, जानें पिंडदान स्थल से जुड़ी खास बातें

Pitru Paksha 2024: गया में पितरों को विष्णु लोक की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने पौराणिक मान्यता व विधान के तहत विष्णु पद मंदिर प्रांगण स्थित श्री विष्णु चरण व 16 वेदी स्थल स्थित रुद्र पद व ब्रह्म पद पर श्राद्ध व पिंडदान का कर्मकांड संपन्न किया.

Pitru Paksha 2024: गया. पिंडदान के समापन की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले के छठे दिन रविवार को पूरे दिन विष्णुपद, फल्गु तट के देवघाट व इसके आसपास के वेदी स्थलों पर आस्था का जन सैलाब उमड़ता रहा. इनमें सर्वाधिक संख्या एक दिनी पिंडदानियों की रही. पितरों को जन्म मरण से मुक्ति व उनके मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर देश के विभिन्न राज्यों से आये पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अपने कुल पंडा के निर्देशन में पिंडदान व श्राद्धकर्म कर अपने पितरों को पिंड अर्पण व जल तर्पण किया.

पितरों के प्रति आस्था का उमड़ा जन सैलाब

पितरों को विष्णु लोक की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने पौराणिक मान्यता व विधान के तहत विष्णु पद मंदिर प्रांगण स्थित श्री विष्णु चरण व 16 वेदी स्थल स्थित रुद्र पद व ब्रह्म पद पर श्राद्ध व पिंडदान का कर्मकांड संपन्न किया. विधान के तहत 17 दिनी पिंडदानियों ने विष्णुपद मंदिर परिसर में बैठकर अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान का कर्मकांड संपन्न किया, इसके बाद पितरों को विष्णु लोक की प्राप्ति की कामना को लेकर पिंड को विष्णुपद मंदिर परिसर के गर्भ गृह स्थित भगवान श्रीविष्णु चरण के साथ-साथ रूद्र पद व ब्रह्म पद पर अर्पण किया.

श्रीविष्णु चरण पर पिंड अर्पण से 108 कुलों का होता है उद्धार

श्रीविष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि को विष्णु चरण की तीनों वेदियों- विष्णु चरण वेदी, रूद्र चरण वेदी व ब्रह्म चरण वेदी पर श्राद्ध व पिंडदान की आदिकाल से ही परंपरा रही है. विष्णु चरण वेदी पर पिंडदान से विष्णु लोक, रुद्र चरण वेदी पर पिंड दान से रूद्र लोक व ब्रह्म चरण वेदी पर पिंडदान से ब्रह्म लोक की प्राप्ति पितरों को होती है. उन्होंने अग्नि पुराण के अनुसार बताया कि विष्णु चरण वेदी पर पिंडदान से 101 कुलों का उद्धार होने की मान्यता है. इनमें पितृ कुल के 24, माता कुल के 20, ससुर कुल के 16, बहन कुल के 12, पुत्री कुल के 12, फुआ कुल के आठ व मौसी कुल के आठ शामिल हैं.

Also Read: Bihar Weather Alert: बंगाल की खाड़ी में हलचल बनी बिहार के लोगों के लिए आफत, बाढ़ के बीच भारी बारिश का अलर्ट

पिंड अर्पण को लेकर श्रद्धालुओं की लगी रही लंबी कतार

विष्णुपद मंदिर के गर्भ गृह स्थिति श्रीविष्णु चरण वेदी पर पिंड अर्पण को लेकर सुबह से लेकर दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं की काफी लंबी कतार लगी रही. वहीं इस कतार को व्यवस्थित रखने के लिए पूरे मंदिर परिसर में जगह-जगह पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति थी, जो इधर-उधर से जा रहे तीर्थयात्रियों को कतार के माध्यम से गर्भ ग्रह तक जाने का अनुरोध कर रहे थे. वहीं कतार लंबी रहने से श्रद्धालुओं को श्रीविष्णु चरण वेदी स्थल पर पिंडदान अर्पण करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा था.

आज इन वेदी स्थलों पर पिंडदान की है मान्यता

समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि 17 दिवसीय त्रिपाक्षिक श्राद्ध के तहत आश्विन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी 23 सितंबर को विष्णुपद मंदिर प्रांगण स्थित 16 वेदी के कार्तिक पद, दक्षिणाग्नि पद, गार्हपत्याग्नि व आहवनायाग्नि पद पर श्राद्धकर्म व पिंडदान की मान्यता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें