Pitru Paksha 2024: बिहार के गया में अभी पितृपक्ष मेला चल रहा है. यहां देश विदेश से लोग अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं. हालांकि देश के कुछ लोग या कई ऐसी सामाजिक संस्था है जो अपने पितरों के अलावा लावारिस शवों का भी पिंडदान करते हैं. इसी क्रम में अलीगढ़ की एक सामाजिक संस्था ‘मानव उपकार’ ने 198 लावारिस मृतकों का पिंडदान सीताकुंड परिसर में विधि-विधान से किया है. बता दें कि पिंडदान करने के लिए संस्था के 193 सदस्य गया आए हुए थे. खास बात यह है कि इनमें 98 महिला सदस्य थीं. जिन्होंने पिंडदान किया.
मीडिया से बातचीत करते हुए है इस संस्था के सदस्यों का कहना है कि हमलोग अलीगढ़, हाथरस, बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर डिस्ट्रिक्ट में मिलने वाली लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं. उसके बाद उनकी अस्थियों को देश के पवित्र स्थानों से होकर गुजरने वाली विभिन्न नदियों में प्रवाहित करते हैं.
25 साल से लावारिसों का कर रहे अंतिम संस्कार
इस संस्था के अध्यक्ष विष्णु ने कहा कि 25 साल पहले अलीगढ़ में देखा कि एक रिक्शा वाला नदी किनारे एक लावारिस लाश फेंक कर चला गया. उस लाश को चील, कौए और कुत्ते नोंच-नोंचकर खा रहे थे. यह देख उनके मन में ख्याल आया कि इन लावारिस लाशों का भी कोई न कोई तो इस दुनिया में मां-बाप होगा, लेकिन दुर्भाग्य ने उसे लावारिस बना दिया.
ऐसे लावारिसों के लिए अपने साथियों के साथ मिलकर उन्होंने मानव उपकार नामक संस्था खड़ी की और काम करना शुरू किया. इस संस्था को शुरू करने के बाद शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया. इसके साथ ही उनका अस्थि प्रवाहित करने का काम शुरू कर दिया.
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198 शवों का पिंडदान करने 193 लोग आए थे, 98 महिलाएं भी थीं शामिल
अब संस्था द्वारा उन लावारिस लाशों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान की गई है. संस्था के सदस्यों ने बताया कि आज हमलोग यहां 198 हिन्दू लावारिस मृतकों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए पिंडदान किए हैं. ताकि उन्हें सदगति प्रदान हो सके. इन लावारिस शवों का पिंडदान करने 193 लोग आए थे जिसमें 98 महिलाएं थीं. सभी इस पुण्य का काम करने के बाद काफी खुश नजर आ रहे थे.