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Pitru Paksh 2024: गया में उमड़ रहा पिंडदानियों का सैलाब, एक दिन में एक लाख से ज्यादा लोगों ने की मोक्ष की कामना

Pitru Paksh 2024: गया में पिंड दान करने के लिए देश के अधिकतर राज्यों से समूह में पहुंच रहे पिंडदानी. उत्तर प्रदेश के बलिया से 150 तो राजस्थान के जयपुर जिले से 100 के समूह में पहुंचे पिंडदानी.

Pitru Paksh 2024 : पितृपक्ष मेले में पहले दिन से ही एक दिनी पिंडदानियों की संख्या सर्वाधिक पहुंच रही है. चौथे दिन यानी शुक्रवार को देश के विभिन्न राज्यों से काफी संख्या के समूह में पहुंचे एकदिनी पिंडदानियों ने अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर फल्गु तीर्थ, विष्णुपद व देवघाट पर अपने पंडा के निर्देशन में पितरों को पिंड अर्पण व जल तर्पण किया. शुक्रवार को केवल एक दिन में ही एक लाख से भी अधिक एक दिनी पिंडदानियों ने अपने पितरों को पिंडदान कर उनके मोक्ष की कामना की.

पहली बार एक दिनी पिंडदानियों की संख्या सर्वाधिक पहुंचने से मुख्य मेला क्षेत्र विष्णुपद सूर्योदय के बाद से सूर्यास्त तक तीर्थयात्रियों से भरा रहा. दोपहर में कई राज्यों के एक दिनी पिंडदानियों के समूह में पहुंचने से देवघाट, संगत घाट, गदाधर घाट, विष्णुपद में पिंडदानियों को बैठकर पिंडदान व श्राद्धकर्म का कर्मकांड करने में जगह की जब कमी पड़ गयी तब पंडा जी के दिशा निर्देश पर नजदीकी अवासन स्थलों व धर्मशाला में आसन लगाकर बैठे और अपने पितरों को जन्म मरण से मुक्ति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया.

तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक होने पर पंडा जी मंत्रोच्चारण के लिए ले रहे माइक का सहारा

देवघाट, संगत घाट, गदाधर घाट सहित फल्गु तट के अन्य घाटों पर कर्मकांड के लिए पहुंच रहे तीर्थयात्रियों को धूप व बरसात से बचने के लिए बनाये गये पंडाल में एक साथ समूह में डेढ़ सौ तक तीर्थयात्रियों को कर्मकांड के दौरान जब पंडित जी की आवाज उन तक नहीं पहुंच रही थी, तब पंडित जी साउंड व माइक का सहारा लेकर मंत्रोच्चारण की आवाज अपने पुरोहितों तक पहुंचा रहे थे.

दूसरी तरफ इन घाटों पर बैठने की क्षमता से अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने पर पंडा जी के दिशा निर्देश पर हजारों तीर्थयात्री नजदीकी आवासन स्थलों व धर्मशाला में बैठकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड कर पितरों के जन्म-मरण से मुक्ति व उनके मोक्ष की कामना की. इन घाटों पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के डुमरी गांव से 150, राजस्थान के जयपुर जिले के सीवार, बागरोटा, उछावली गांव से 100, रामेश्वरम के परम कुड़ी जिला से 84 सहित कई अन्य राज्यों से 100 से भी अधिक की संख्या में एक साथ समूह में आये तीर्थयात्रियों ने जगह के अभाव में जैसे तैसे बैठकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड किया.

सुरक्षा से लेकर सफाई की रह रही मुकम्मल व्यवस्था

जिला व पुलिस प्रशासन के स्तर पर पितृपक्ष मेले में इस बार प्रमुख मेला क्षेत्रों के साथ-साथ मेला क्षेत्र से जुड़ने वाली अधिकतर प्रमुख पथों, वेदी स्थलों व फल्गु तीर्थ के घाटों पर सुरक्षा के साथ-साथ सफाई की भी मुकम्मल व्यवस्था रह रही है. पिंडदानी कर्मकांड कर जैसे ही उठते हैं, सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभाने लगते है. गयाजी डैम की सफाई व्यवस्था को भी प्रशासनिक स्तर पर इसी तरह से मेंटेन किया जा रहा है.

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एसपी ने मेला क्षेत्र का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा, दुकानदारों को दिए सुझाव

शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे एसएसपी आशीष भारती, सिटी एसपी प्रेरणा कुमार, सिटी डीएसपी पीएन साहू दलबल के साथ विष्णुपद मेला क्षेत्र पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. दुकानदारों के साथ भी बातचीत कर तीर्थयात्रियों के साथ सहानुभूति से पेश आने का उन्हें सुझाव दिया. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तीर्थयात्रियों से भी बातचीत कर फीडबैक इन पुलिस पदाधिकारी ने ली. एक बर्तन दुकानदार से भाषा की जानकारी लेते हुए सुझाव दिया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए दुकान के आगे जानकार भाषा का तख्ती लगाकर रखें ताकि तीर्थ यात्रियों को बातचीत में किसी तरह की परेशानी झेलनी नहीं पड़े.

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