Pitru Paksha 2024: बिहार में 17 सितंबर से शुरू होनेवाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले को लेकर जिला आपदा विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा नीति तैयार कर ली है. पितृपक्ष मेला के अवसर पर लाखों लाख की संख्या में पिंडदानी गयाजी आते हैं. यहां कर्मकांड पिंडदानी द्वारा फल्गु नदी, विभिन्न तालाबों व सरोवरों में किया जाता है. उन सभी सरोवरों व फल्गु नदी में उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है, ताकि कोई अनहोनी या छोटी समस्या भी नहीं हो.
एसडीआरएफ की टीम के साथ 22 जवान तैनात
आपदा विभाग के अनुसार मेला के सुरक्षा के लिए मोटर बोट्स, स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स, लाइफ गार्ड आदि की व्यवस्था की गयी है. पिछले वर्ष पितृपक्ष मेले के दौरान कई तीर्थयात्रियों की मदद की गयी थी. जिला आपदा विभाग के अंतर्गत कार्यरत एसडीआरएफ की टीम अपने 22 जवानों के साथ घाटों पर उपस्थित रहेगी. एसडीआरएफ की टीम की मौजूदगी से श्रद्धालुओं के द्वारा पिंडदान की क्रिया सुरक्षापूर्वक की जा सकेगी. साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सात मोटर बोट्स का प्रावधान किया गया है. जिन्हें श्रद्धालुओं के पिंडदान करने के दौरान डूबने जैसे मामलों के समय सुरक्षा और जान बचाने में प्रयोग किया जायेगा.
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बोट्स का संचालन भी एसडीआरएफ की टीम करेगी
मोटर बोट्स का संचालन भी एसडीआरएफ की टीम द्वारा ही किया जायेगा. आपदा विभाग के अनुसार एसडीआरएफ टीम और मोटर बोट्स के अलावा डूबने जैसे छोटे-बड़े मामलों में उनके साथ स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी तैनात किये जायेंगे. तैराक विभिन्न घाटों पर दो पालियों में प्रतिदिन उपस्थित होंगे. इसकी पुष्टि पितृपक्ष मेले के नोडल पदाधिकारी द्वारा की जायेगी. तैराकों की नियुक्ति देवघाट, सूर्यकुंड, सीताकुंड, वैतरणी सरोवर, ब्रह्मसत्त सरोवर, रुक्मिणी सरोवर, पितामहेश्वर सरोवर, रामशिला व प्रेतशिला पर की जायेगी. एसडीआरएफ टीम के निर्देशन में स्थानीय तैराकों एवं अन्य सुरक्षा सामग्री के द्वारा पितृपक्ष मेला के आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है.
क्या कहते हैं डीएम
डीएम डॉ त्यागराजन ने बताया कि पितृपक्ष मेला के दौरान आपदा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सभी प्रमुख सरोवरों यथा सूर्यकुंड, अक्षयवट, राम कुंड, गया जी डैम जैसे गहरे पानी वाले स्थलों पर पर्याप्त नाव सहित टीम रख कर पूरी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. कहीं कोई घटना होने पर तुरंत रिस्पाॅन्स देने का निर्देश दिया गया है. अपर समाहर्ता आपदा व वरीय उप समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया है कि मेला के दौरान लगातार निगरानी रखें.