Pitru Paksha: नाइजीरिया, घाना, यूक्रेन से भी पिंडदान करने पहुंचे विदेशी, पितरों की जन्म-मरण से मुक्ति के लिए किया तर्पण
Pitru Paksha: जर्मनी, कजाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, घाना, यूक्रेन, रूस व कई अन्य देशों से आए विदेशी श्रद्धालु ने भारतीय परिधान के साथ पूरे विधि-विधान से गया में कर्मकांड किया.
Pitru Paksha: मोक्ष नगरी गयाजी में 17 सितंबर से चल रहे राजकीय पितृपक्ष मेला महासंगम के 14वें दिन सोमवार को फल्गु नदी के पश्चिमी तट स्थित देवघाट पर देश के साथ-साथ 15 विदेशी श्रद्धालुओं ने भी अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पूरे विधि-विधान से पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड पंडित लोकनाथ गौड़ के निर्देशन में संपन्न किया. पिंडदान के कर्मकांड के दौरान इन विदेशी श्रद्धालुओं की सुरक्षा में जिला प्रशासन की ओर से आधा दर्जन से अधिक पुलिस जवानों की तैनाती की गयी थी.
भारतीय परिधान में विधि-विधान से किया पिंडदान
पंडित लोकनाथ गौड़ ने बताया कि जर्मनी, कजाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, घाना, यूक्रेन, रूस व कई अन्य देशों से आये 15 विदेशी श्रद्धालुओं ने भारतीय परिधान पहनकर पूरे विधि-विधान से पिंडदान व तर्पण कर अपने पूर्वजों की मुक्ति की कामना की. इनमें से कई विदेशी श्रद्धालुओं ने अपने माता-पिता, तो कई ने पुत्र व पत्नी की जन्म-मरण से मुक्ति की कामना के साथ पिंडदान किया. सनातन धर्म में इनका विश्वास बढ़ा है. यही वजह है कि सात समुंदर पार से आकर इन लोगों ने पितृपक्ष मेले के दौरान पिंडदान कर्मकांड किया है.
मित्रों के साथ आए पिंडदान करने
नाइजीरिया के विष्णु ने बताया कि पिंडदान का कर्मकांड करने के लिए मित्रों के साथ यहां आये हैं. यहां के पिंडदान के बारे में सुना था कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इनके अलावा पिंडदान करने वाले विदेशी श्रद्धालुओं में येकातेनीना, स्वेतलाना, वालेरा, डेविड व अन्य शामिल हैं.
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ट्रेन से गया पहुंचे श्रद्धालु
जानकारी हो कि बीते शनिवार की रात रेल मार्ग से विदेशी श्रद्धालु गयाजी पहुंचे व विष्णुपद मंदिर में दर्शन-पूजन किया. 29 सितंबर को डीएम डॉ त्यागराजन एसएम की ओर से इन सभी विदेशी श्रद्धालुओं को विष्णुपद क्षेत्र स्थित संवास सदन समिति में गंगाजल का पैकेट व अन्य उपहार देकर सम्मानित किया गया था.