Pitru Paksha in Gaya: अब तक मेरी सहेली से दो हजार तीर्थयात्रियों को मिली मदद, हर समय ट्रेनों में टीम एक्टिव

Pitru Paksha in Gaya: मेरी सहेली टीम स्टेशन से लेकर बाहर से आनेवाली ट्रेनों में तैनात है. यहीं नहीं, प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज, स्टेशन परिसर, टिकट काउंटर पर भी तैनात होकर तीर्थयात्रियों की सहायता कर रही हैं.

By Radheshyam Kushwaha | September 24, 2024 7:17 AM

Pitru Paksha in Gaya
रोहित कुमार सिंह

गया ट्रेनों से लेकर स्टेशन परिसर तक रेलयात्रियों की निगरानी करने के लिए आरपीएफ की मेरी सहेली टीम का गठन किया गया है. इस टीम में महिला सब इंस्पेक्टर, महिला अवर निरीक्षक व कांस्टेबल शामिल हैं. मेरी सहेली टीम गया रेलवे स्टेशन पर 17 सितंबर से अबतक पितृपक्ष मेले में पहुंचे दो हजार तीर्थयात्रियों को मदद पहुंचा चुकी है. 30 से अधिक भूले-भटके तीर्थयात्रियों को परिजनों से मिलाया है. मेरी सहेली टीम स्टेशन से लेकर बाहर से आनेवाली ट्रेनों में तैनात है. यहीं नहीं, प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज, स्टेशन परिसर, टिकट काउंटर व अन्य जगहों पर तैनात होकर तीर्थयात्रियों की सहायता कर रही हैं. इस दौरान फुट ओवरब्रिज से गिरने से भी तीर्थयात्रियों को बचाया गया है. ऐसी घटनाएं गया रेलवे स्टेशन तीन बार हो चुकी हैं.

30 से अधिक भूले-भटके को परिजनों से मिलाया गया

अगर, समय के अंदर मेरी सहेली टीम की नजर नहीं पड़ती, तो दुर्घटना तय थी. इस टीम की मॉनीटरिंग आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय प्रकाश कर रहे हैं. इस अभियान का नेतृत्व आरपीएफ की सब इंस्पेक्टर पूनम कुमारी व मोनिका सिंह कर रही हैं. यह टीम आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट जेथिन बी राज के निर्देश पर बनी है. इस टीम में महिला आरक्षी मोनिका हेंब्रम, सोनिका कुमारी, ज्योति कुमारी, नंदिनी कुमारी, सुष्मिता टुडू व डेहरी पोस्ट की महिला आरक्षी प्रीति कुमारी व अन्य महिला जवान शामिल हैं. रेलवे सुरक्षा बल की मेरी सहेली टीम को डायल 139 के माध्यम से किसी प्रकार की आपात स्थिति में सूचना दे सकते हैं. सूचना मिलते ही मेरी सहेली टीम पहुंच जायेगी.

ट्रेनों के माध्यम से आते हैं सबसे ज्यादा पिंडदानी

बताया जाता है कि हरियाणा, उत्तरप्रदेश व मध्य प्रदेश सहित अन्य शहरों से सबसे ज्यादा पिंडदानी ट्रेन के माध्यम गयाजी आते हैं. इस कारण प्रदेशों से आनेवाले ट्रेनों में काफी भीड़ है. भीड़ को नियंत्रण करने के लिए गया रेलवे स्टेशन समेत अन्य जगहों पर 400 से अधिक जवानों की तैनाती की गयी है. ट्रेनों के अंदर भी स्पेशल जवानों की तैनाती की गयी है.

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क्या कहते हैं सीनियर कमांडेंट

आरपीएफ सीनियर कमांडेंट जेथिन बी राज ने बताया कि पितृपक्ष मेले को लेकर मेरी सहेली टीम को अलग-अलग स्थान पर तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि संकट में फंसी महिलाओं को पुरुषों की बजाय महिलाओं पर भरोसा करना आसान लगता है. इसीलिए, अलग-अलग रेलखंडों पर चलनेवाली ट्रेनों में अभियान चलाने के लिए मेरी सहेली की टीम गठित की गयी है.

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