Pitru Paksha: गया में पितरों के साथ स्वयं की मुक्ति के लिए लोगों ने किया कर्मकांड, गदालोल वेदी पर आज होगा श्राद्ध

Pitru Paksha: 17 दिवसीय पितृ पक्ष मेले के 12वें दिन श्रद्धालुओं ने मुंड पृष्ठा देवी का दर्शन किया तथा आदि गढ़धर व धौत पद वेदियों पर पिंडदान किया. विभिन्न राज्यों से आए करीब 70 हजार 17 दिवसीय पिंडदानियों ने कर्मकांड पूरा किया.

By Anand Shekhar | September 29, 2024 6:05 AM
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Pitru Paksha: पितरों की मुक्ति स्थल गयाजी में 17 सितंबर से आयोजित 17 दिवसीय त्रिपाक्षिक श्राद्ध के के 12 वें दिन शनिवार को देश के विभिन्न राज्यों से आये हजारों श्रद्धालुओं ने श्राद्ध विधान के तहत विष्णुपद मंदिर के पास करसिल्ली पहाड़ पर स्थित मुंड पृष्ठा, धौत पद व आदि गदाधर वेदी स्थलों पर पिंडदान व श्राद्ध का कर्मकांड अपने कुल पंडा के निर्देशन में सम्पन्न किया. इसके बाद पितरों के साथ खुद की भी मुक्ति के लिए श्रद्धालुओं ने मुंड पृष्ठा देवी का दर्शन पूजन किया. इसके बाद इन पिंडवेदी स्थलों पर कर्मकांड करने वाले श्रद्धालु भस्म कूट पर्वत पर स्थित पुंडरीकाक्ष भगवान श्री विष्णु का भी दर्शन-पूजन किया.

70 हजार पिंडदानियों ने किया श्राद्धकर्म

श्राद्ध विधान के तहत देश के विभिन्न राज्यों से आये करीब 70 हजार 17 दिनी पिंडदानियों ने पितृपक्ष मेला के 12 वें दिन मुंड पृष्ठा, आदि गदाधर व धौत पद वेदी स्थलों पर श्राद्धकर्म संपन्न किया. श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि प्राचीन काल से 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले के आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मुंड पृष्ठा, आदि गदाधर व धौत पद वेदी पर पिंडदान व श्राद्धकर्म का विधान है. श्राद्ध व पिंडदान कर मुंड पृष्ठा देवी का दर्शन पूजन करने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ उनके पितरों को भी जन्म मरण से मुक्ति मिल जाती है. इसके बाद श्रद्धालु यहां से गदाधर वेदी पहुंचकर व पंडा के निर्देशन में पिंडदान व श्राद्धकर्म पूरा किया. यहां से श्रद्धालु ब्रह्मा जी, भगवान विष्णु व शंकर भगवान का दर्शन किया.

कई श्रद्धालुओं ने किया चांदी दान

करसिल्ली पर्वत पर गहराई में एक शिला पर इन तीनों देवताओं के स्वरूप अंकित हैं. इन दोनों वेदी स्थलों पर कर्मकांड करने के बाद श्रद्धालु पश्चिम-दक्षिण क्षेत्र में अवस्थित धौत पद वेदी पर पिंडदान व श्राद्धकर्म किया. साथ ही पौराणिक मान्यताओं को मानने वाले कई श्रद्धालुओं ने इन वेदी स्थलों पर चांदी दान भी किया गया. श्राद्धकर्म के बाद श्रद्धालु भस्म कूट पर्वत पर स्थित पुंडरीकाक्ष रूप में विराजमान विष्णु मंदिर में पूजन-दर्शन किया.

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भीम गया, गो प्रचार व गदालोल वेदी पर श्राद्ध आज, दीपदान व पितृ दीपावली कल

श्री विट्ठल ने बताया कि आश्विन कृष्ण पक्ष द्वादश तिथि 29 सितंबर को भीम गया, गो प्रचार व गदालोल वेदी पर पिंडदान व सोना दान का विधान है. 30 सितंबर (आश्विन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि) को विष्णु भगवान का पंचामृत स्नान, पूजन, फल्गु में दूध तर्पण व दीपदान. वह पितृ दीपावली, 01 अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि) को वैतरणी श्राद्ध, तर्पण व गोदान, दो अक्तूबर (आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि) को अक्षयवट श्राद्ध (खीर का पिंड) शैय्या दान, सुफल व पितृ विसर्जन व तीन अक्तूबर (आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि) को गायत्री घाट पर दही चावल का पिंड, आचार्य की दक्षिणा व पितृ विदाई का विधान है.

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