Pitru Paksha 2022 Live Updates: गयाजी प्रेतशिला पर तर्पण करने पहुंचे हजारों पिंडदानी, जानें श्राद्ध विधि

Pitru Paksha 2022 Live Updates: गयाजी पिडंदान करने के लिए हजारों लोग पहुंचे हैं. फिलहाल पिंडदानियों की टोली लेकर क्षेत्रिय पंडा पहुंच रहे है. आज पहला दिन लोग गयाजी में श्राद्ध और तर्पन कर रहे है. पिंडदानियों के आगमन को लेकर मोक्षधाम गया सजा-धजा है. पूर्वज को पिंडदान करने के लिए बिहार के गया में भीड़ जुटी है. गया आने वाले पिंडदानी के लिए गया जिला प्रशासन की ओर से और गयापाल पंडा समाज की ओर से धर्मशाला, होटल, निजी आवास की व्यवस्था किया गया है. आइए जानते है श्राद्ध से जुड़ी पूरी जानकारी..

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2022 4:34 PM
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मुख्य बातें

Pitru Paksha 2022 Live Updates: गयाजी पिडंदान करने के लिए हजारों लोग पहुंचे हैं. फिलहाल पिंडदानियों की टोली लेकर क्षेत्रिय पंडा पहुंच रहे है. आज पहला दिन लोग गयाजी में श्राद्ध और तर्पन कर रहे है. पिंडदानियों के आगमन को लेकर मोक्षधाम गया सजा-धजा है. पूर्वज को पिंडदान करने के लिए बिहार के गया में भीड़ जुटी है. गया आने वाले पिंडदानी के लिए गया जिला प्रशासन की ओर से और गयापाल पंडा समाज की ओर से धर्मशाला, होटल, निजी आवास की व्यवस्था किया गया है. आइए जानते है श्राद्ध से जुड़ी पूरी जानकारी..

लाइव अपडेट

पितृपक्ष में इन चीजों का करें सेवन

पितृपक्ष में मूली, गाजर, मसूर, उबला चावल, अरबी और करेला का सेवन नहीं करना चाहिए. पूजा पाठ में इनका इस्तेमाल भी वर्जित माना गया है.

पितृपक्ष में ये काम भूलकर भी न करें

पितृपक्ष 10 सितम्बर से शुरू हो गया है. पितृपक्ष 25 सितम्बर तक रहेगा. इन दिनों हिन्दू धर्म के सभी शुभ कार्य स्थगित हो जाएंगे. पितृपक्ष में शादी-विवाह, मुंडन संस्कार, जनेऊ समेत अन्य शुभ कार्य वर्जित हैं.

'उड़ल सत्तू पितर को पैठ हो'

गयाजी में स्थित प्रेतशिला के शिखर पर जिन पिंडदानियों को 676 सीढ़ी चढ़ने में कठिनाइयां होती है, वे पालकी का सहारा लेकर पहुंचते है. सत्तू उड़ाते हुए पांच बार परिक्रमा करने से पितर को प्रेतयोनि से मुक्ति मिल जाती है.

Pitru Paksha: प्रेतशिला पर पिंडदान करने पहुंचे हजारों श्राद्धालु

गया स्थित प्रेतशिला को भूतों का पहाड़ कहा जाता है. आज इस पहाड़ पर भूत-प्रेतों का वास है. जहां हजारों की संख्या में पिंडदानी 676 सीढ़ियां चढ़कर पिंडदान करने पहुंच रहे हैं. वे सत्तू उड़ाकर पितर को प्रेत योनि से मुक्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

Pitru Paksha 2022: तीर्थयात्रियों के लिए शुरू हुआ चिकित्सा शिविर

गयाजी पितृपक्ष मेला के अवसर पर देश-विदेश से यहां पधारने वाले तीर्थ यात्रियों की आवश्यकता को देखते हुए रेड क्रॉस की ओर से मुफ्त चिकित्सा शिविर की शुरुआत की गयी.

Pitru Paksha 2022: किसको करना चाहिए नारायण नागबली

प्रेतयोनी से होने वाली पीड़ा दूर करने के लिए नारायणबलि की जाती है. परिवार के किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हुई हो. आत्महत्या, पानी में डूबने से, आग में जलने से, दुर्घटना में मृत्यु होने से ऐसा दोष उत्पन्न होता है.

Pitru Paksha 2022: गयाजी में पांचों वेदियों पर पिंडदान करना न भूले

गयाजी में त्रेपाक्षिक श्राद्ध करने वाले पिंडदानी इन पांचों वेदियों पर पिंडदान करते हैं. इन पांचों वेदियों में प्रेतशिला सबसे प्रमुख पिंड वेदी माना जाता है.

गयाजी में कब और कैसे पिंडदान करने पर मिलती हैं पूर्वज की आत्मा को मुक्ति, जानें श्राद्ध का रहस्य?

Pitru Paksha: भाद्रपद पूर्णिमा 2022 का शुभ मुहूर्त

  • 10 सितंबर दिन शनिवार की सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक

  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक

  • अमृत काल- रात 12 बजकर 34 मिनट से देर रात 02 बजकर 03 मिनट तक

  • चंद्रोदय का समय- 10 सितंबर को चंद्रोदय शाम 06 बजकर 49 मिनट से होगा

Pitru Paksha: प्रेतशिला में पिंडदान करने का महत्व

पितृपक्ष के दूसरे दिन प्रेतशिला में पिंडदान करने का महत्व है. इस दिन पंचवेदी यानी प्रेतशिला, रामशिला, ब्रह्मकुंड, कागबली और रामकुंड में पिंडदान किया जाता है.

Pitru Paksha 2022: दूर दूर से गयाजी पहुंचे पिंडदान करने लोग

विशाखापत्तनम से आये रावत फैमिली के भरत पंडा ने बताया कि नंदकिशोर रावत के श्राद्धकर्म में उनके परिजनों के साथ आया हूं. यहां प्रथम पिंडदान करने के बाद दूसरा व अंतिम पिंडदान के लिए गया के लिए प्रस्थान करूंगा.

Pitru Paksha 2022: पुनपुन तट पर श्रद्धालुओं से पटा पिंडदान स्थल

पुनपुन नदी स्थित पिंडदान स्थल पर सुबह से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. श्रद्धालुओं की भीड़ से नदी घाट पट गया है. इस दौरान मेला में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व पुलिस बल को भीड़ नियंत्रित करने में जुटी हुई है.

Pitru Paksha 2022: कब किया जाता है श्राद्ध?

श्राद्ध की महत्ता को स्पष्ट करने से पूर्व यह जानना भी आवश्यक है की श्राद्ध कब किया जाता है. इस संबंध में शास्त्रों में श्राद्ध किये जाने के निम्नलिखित अवसर बताये गए हैं.

Pitru Paksha 2022: पहले दिन गोदावरी सरोवर में पिंडदान

पुनपुन नदी और गोदावरी सरोवर में पिंडदान आज किया जाएगा. शुक्रवार को देश-विदेश से आने वाले जो श्रद्धालु सीधे गयाजी पहुंचे वे सभी शहर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित गोदावरी सरोवर पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण अपने कुल पंडा के निर्देशन में पूरा किया.

Pitru Paksha 2022 Live: मृत्यु की तिथि के अनुसार करें श्राद्ध

पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है. इसलिए आज पूर्णिमा तिथि पर श्राद्ध करने के लिए हजारों पिंडदानी गयाजी पहुंचे हुए है. अगर किसी मृत व्यक्ति की तिथि की जानकारी न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जाता है. इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है.

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां

  • पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध - 10 सितंबर 2022

  • द्वितीया श्राद्ध - 11 सितंबर 2022

  • तृतीया श्राद्ध - 12 सितंबर 2022

  • चतुर्थी श्राद्ध - 13 सितंबर 2022

  • पंचमी श्राद्ध - 14 सितंबर 2022

  • षष्ठी श्राद्ध - 15 सितंबर 2022

  • सप्तमी श्राद्ध - 16 सितंबर 2022

  • अष्टमी श्राद्ध- 18 सितंबर 2022

  • नवमी श्राद्ध - 19 सितंबर 2022

  • दशमी श्राद्ध - 20 सितंबर 2022

  • एकादशी श्राद्ध - 21 सितंबर 2022

  • द्वादशी श्राद्ध- 22 सितंबर 2022

  • त्रयोदशी श्राद्ध - 23 सितंबर 2022

  • चतुर्दशी श्राद्ध- 24 सितंबर 2022

  • अमावस्या श्राद्ध- 25 सितंबर 2022

Pitru Paksha 2022 Live: श्राद्ध करने से पहले जानें जरूरी बातें

आज से श्राद्धपक्ष शुरू हो गया. आज पूर्णिमा तिथि पर पिंडदान और तर्पण किया जाएगा. श्राद्ध करनें के बाद गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए. यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करें.

Pitru Paksha 2022 Live: श्राद्ध के बाद ये काम जरूर करें

आज से पूवर्ज की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाएगा. जिससे पूर्वज की आत्मा को शांति मिलेगी. पिंडदान और तर्पन करने से कुंडली में मौजूद पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. श्राद्ध के दिन दान का भी विशेष महत्व है.

Pitru Paksha 2022 Live: आज पूर्णिमा तिथि पर होगा श्राद्ध

पितृपक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू हो होता है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक रहता है. इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से 25 सितंबर तक रहेगा. पितृपक्ष के दौरान पितरों के लिए तर्पण व पिंडदान किया जाता है. आज लोग पूर्णिमा तिथि पर श्राद्ध करेंगे.

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