गया नगर निगम क्षेत्र में सड़क वर्गीकरण के बाद होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी हो गयी है. इसके बाद लोगों की ओर से इसका विरोध भी शुरू हो गया है. लोगों का कहना है कि आम जमना पर सुविधा के नाम पर निगम की ओर से कोई काम नहीं किया जाता है. सिर्फ टैक्स बढ़ोतरी कर लोगों पर अतिरिक्त बोझ दिया जा रहा है. इधर, निगम सूत्रों का कहना है कि व्यावसायिक होल्डिंग के अलावा किसी पर भी टैक्स नहीं बढ़ाया गया है. टैक्स बढ़ोतरी का फैसला विभाग की ओर से लिया गया है. सड़क का वर्गीकरण भी विभाग की स्वीकृति के बाद ही किया गया है.
सूत्रों का कहना है कि निगम क्षेत्र में विकास होने के बाद भी कई दशक से यहां की सड़क का वर्गीकरण का निर्णय लटका हुआ था. इस बार विभाग ने सड़क वर्गीकरण की स्वीकृति दे दी. वर्तमान में होल्डिंग टैक्स से इतना पैसा भी नहीं आ पाता है कि कर्मचारियों को वेतन के लिए निगम आत्मनिर्भर हो. नये वित्तीय वर्ष में सड़क वर्गीकरण के बढ़े हुए टैक्स की वसूली का फैसला लिया जा सकेगा.
नये होल्डिंग टैक्स से निगम के आंतरिक स्रोत के काफी मजबूत होने के आसार दिखने लगे हैं. करीब 10 वर्षों से होल्डिंग टैक्स की वसूली कमिशन देकर प्राइवेट एजेंसी से करायी जा रही है. इससे पहले यहां पर सात-आठ करोड़ साल में होल्डिंग टैक्स की वसूली हो पाती थी. प्राइवेट एजेंसी के जिम्मेदारी लेने के बाद यह वसूली 20 करोड़ तक पहुंच गयी है. अब नयी दर पर वसूली में यह रकम डेढ़गुनी-से-दोगुनी तक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
सड़कों को तीन भागों में बांटा
लोग वर्षों से निश्चित समय पर निगम की ओर से निर्धारित टैक्स को दे रहे थे. निगम कार्यालय का कहना है कि इस बार शहर की सड़कों को तीन भागों में बांटा गया है. इसमें प्रधान मुख्य सड़क, मुख्य सड़क व अन्य सड़क शामिल हैं. इसमें पहले अगर किसी सड़क को अन्य में रखा गया और वर्गीकरण के बाद उसे मुख्य में लाया गया है, तो टैक्स कई गुणा बढ़ गया है. कुछ दिन पहले सरकार के निर्देश के बाद व्यावसायिक क्षेत्र में कई गुणा टैक्स बढ़ोतरी की गयी थी. उसके बाद अब सड़क के वर्गीकरण में भी स्ट्रेक्चर चेंज होने पर खुद ही टैक्स बढ़ गया है. आवासीय क्षेत्र में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है. अगर, उनकी सड़क पहले के ही कटैगरी में रखी गयी है.
यह है टैक्स की स्थिति
सड़क के प्रकार | मकान की स्थिति | टैक्स प्रति स्क्वायर फुट |
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प्रधान मुख्य सड़क | आरसीसी छत वाले प्रतिष्टान | 51.75 रुपये |
प्रधान मुख्य सड़क | स्वेस्टस के कमरे में प्रतिष्ठान | 34.50 रुपये |
प्रधान मुख्य सड़क | अन्य (पुराना मकान में दुकान ) | 17.25 रुपये |
प्रधान मुख्य सड़क | आवासीय आरसीसी | 17.25 रुपये |
प्रधान मुख्य सड़क | आवासीय स्वेस्टस | 11.50 रुपये |
प्रधान मुख्य सड़क | आवासीय (पुराना मकान ) | 5.75 रुपये |
मुख्य सड़क | आरसीसी वाले प्रतिष्ठान | 34.50 रुपये |
मुख्य सड़क | स्वेस्टस के कमरे में प्रतिष्ठान | 20.70 रुपये |
प्रधान मुख्य सड़क | अन्य (पुराना मकान में दुकान) | 10.35 रुपये |
मुख्य सड़क | आवासीय आरसीसी | 11.50 रुपये |
मुख्य सड़क | आवासीय स्वेस्टस | 6.90 रुपये |
मुख्य सड़क | आवासीय (पुराना मकान ) | 3.45 रुपये |
अन्य सड़क | आरसीसी वाले प्रतिष्ठान | 17.25 रुपये |
अन्य सड़क | स्वेस्टस के कमरे में प्रतिष्ठान | 10.35 रुपये |
अन्य सड़क | अन्य (पुराना मकान में दुकान ) | 6.90 रुपये |
अन्य सड़क | आवासीय आरसीसी | 5.75 रुपये |
अन्य सड़क | आवासीय स्वेस्टस | 3.45 रुपये |
अन्य सड़क | आवासीय (पुराना मकान ) | 2.30 रुपये |
कई लोगों ने टैक्स बढ़ोतरी का किया विरोध
जदयू नेता सह पूर्व पार्षद लालजी प्रसाद ने कहा कि निगम की ओर से एकाएक टैक्स की बढ़ाेतरी करना लोगों के हित में नहीं है. इसके विरोध में सरकार व निगम दोनों को वकालतन नोटिस देकर टैक्स बढ़ोतरी पर पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि टैक्स बढ़ने से हर तरह के लोगों पर इसका डायरेक्ट असर पड़ता है. इधर, चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से भी टैक्स बढ़ाने का विरोध जताया जा चुका है.
सरकार के निर्देश के बाद ही हो रही वसूली
टैक्स बढ़ाने का फैसला सरकार की ओर से बहुत पहले ही लिया जा चुका था. नवंबर में इसके लिए निर्देश जारी किया गया. निगम में सारे विचार-विमर्श के बाद एजेंसी को बढ़ी दर पर टैक्स वसूलने की अनुमति दी गयी. सड़क वर्गीकरण के बाद भी टैक्स का स्वरूप बदल गया है. इसके चलते बहुत जगहों पर दिक्कत आ रही है. लेकिन, लोग धीरे-धीरे वस्तुस्थिति को समझने लगे हैं. किसी को कहीं भी परेशान नहीं किया जा रहा है. टैक्स के संबंध में किसी स्तर पर लोग जांच सकते हैं.
राणा प्रताप, टैक्स वसूली समन्वयक