बैसाखी पर रागी जत्थे ने कीर्तन दीवान सजाया
शहर के गुरुद्वारे में बैसाखी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर अरदास, कीर्तन, पाठ सहित विविध कार्यक्रम आयोजित हुए.
गया. शहर के गुरुद्वारे में बैसाखी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर अरदास, कीर्तन, पाठ सहित विविध कार्यक्रम आयोजित हुए. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार रौनक सिंह सेठ ने बताया कि आज पूरी दुनिया के सिखों के लिए यह सबसे बड़ा श्रद्धा व गौरव का दिन है. बैसाखी पर्व सिख समाज में नयी फसल की उपज व नये वर्ष के रूप में मनाया जाता है. साथ ही आज के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी महाराज द्वारा पांच अलग-अलग समाज के लोगों को अमृत छका कर पहली बार खालसा पंथ की स्थापना की गयी थी, जिसे खालसा साजना दिवस के नाम से भी जाना जाता है. खालसा पंथ राष्ट्र की रक्षा व जुल्म के खिलाफ लड़ने वाली पहली सिख सेना थी. उसके बाद से पूरे देश में राष्ट्र समर्पण के लिए एक अलग लहर सी चल पड़ी जिसमें हर हिंदू परिवार का एक बड़ा बेटा खालसा सजाकर सिख धर्म अपनाया व योद्धा बनकर पूरी जिंदगी राष्ट्रहित में खुद को समर्पित कर दिया. सरदार रौनक सिंह ने बताया कि बैसाखी के इस पावन पर्व को मुख रखते हुए 11 अप्रैल को अखंड पाठ रखा गया था जिसकी समाप्ति सुबह नौ बजे हुई. इसके बाद श्री सुखमणि साहिब जी का पाठ हुआ व अमृतसर से आये रागी जत्थे द्वारा कीर्तन दीवान सजाया गया. अमृतसर से आये भाई जोधबीर सिंह ने शबद कीर्तन के साथ लोगों के बीच बैसाखी के इतिहास को बताया. इसके बाद अरदास हुआ. अंत में गुरु का अटूट लंगर आयोजित किया गया. इस मौके पर नगर विधायक सह सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार उपस्थित हुए. इनके अलावा कमेटी के प्रधान सरब सिंह, खजांची भूपेंद्र सिंह, सदस्य मनजीत सिंह छाबड़ा, बलजीत सिंह, महिला प्रधान कमलजीत कौर, ज्ञानी दयाल सिंह, बेयंत सिंह, मनजीत सिंह, मिक्की बग्गा, सनी छाबड़ा, सुरजीत सिंह, रवि ढिल्लो, महेश्वर प्रसाद गुप्ता, यशवंत सिंह, टिंकू शर्मा , डॉ दिनेश शर्मा, बीबी सुखविंदर कौर, रविंदर कौर चढ़ा, पिंकी कौर, सिमरन कौर, रजनी छाबड़ा, रानू छाबड़ा, सिंपी सलूजा व अन्य श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा में मत्था टेक कर गुरु का लंगर ग्रहण किया.