Railway News रेल पटरियों पर आयी दरारें तो अल्ट्रासाउंड मशीन में बजेंगी घंटी, जानें अब कैसे की जाएगी निगरानी

Bihar Railway News ठंड में रेल पटरियों पर दरारें होने की संभावना बढ़ जाती है. रेल पटरियों पर आयी दरारें जी जांच अल्ट्रासाउंड मशीन से की जाएगी. जहां पर दरारें होगी रेड लाइट जल जाती है. अभियंता तत्काल मशीन को रोक देते हैं और ट्रैक पर उतरकर निशान लगाने के बाद आगे बढ़ जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2021 11:11 AM

Railway News Bihar: गया. ठंड के मौसम शुरू होते ही कुहासे के कारण ट्रेनों की गति धीमी हो जाती है. वहीं रेल पटरियों में भी दरारें आने लगती है. इस कारण रेल परिचालन करने में परेशानी होती है. लेकिन, अब इन परेशानियों से छूटकारा मिल जायेगी. गया रेलवे स्टेशन सहित 10 रेलवे स्टेशन पर अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन मशीन (अल्ट्रासाउंड मशीन) भेज दिया गया है. यह मशीन रेल पटरियों पर चलायी जायेगी. अगर रेल पटरियों में दरारें आयी तो अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन मशीन (अल्ट्रासाउंड मशीन) में घंटी बजने लगेगी. साथ ही संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दी जायेगी. यह मशीन रेलवे ट्रैक से गुजरेगी तो गड़बड़ी का पता चल जायेगा.

इस अल्ट्रासाउंड फ्लॉ डिटेक्शन मशीन की खासियत यह है कि ट्रैक के स्पर्श होते ही रिपोर्ट आ जाती है. किस जगह पटरी कमजोर है. जहां पर दरारें होने की संभावना है. रेड लाइट जल जाती है. अभियंता तत्काल मशीन को रोक देते हैं और ट्रैक पर उतरकर निशान लगाने के बाद आगे बढ़ जाते हैं. इसके बाद इंजीनियरिंग विभाग की टीम आकर उक्त जगहों को ठीक कर देते है. ठंड बढ़ने से ट्रैक के टूटने का खतरा ज्यादा रहता है. सतर्कता बरती जाती है. इसलिए इस मशीन को प्रतिदिन चलाया जाता है. इस संबंध में मुख्य जन संपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने बताया कि अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन मशीन (अल्ट्रासाउंड मशीन) से हर दिन रेल पटरियों का निरीक्षण किया जा रहा है. ठंड को देखते हुए रेल पटरियों पर विशेष निगरानी की जा रही है.

मशीन से टेस्टिंग करने से मिलती हैं कई जानकारियां
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन से टेस्टिंग करने से कई फायदे हैं. एक तो समय कम लगता है. एक दिन में 10 से 15 किलोमीटर ट्रैक की टेस्टिंग हो जाती है. दूसरे कर्मचारियों की जरूरत भी नहीं पड़ती है. तत्काल रिपोर्ट भी आ जाती है. मशीन से रेलवे ट्रैक की मरम्मत भी संभव है. ट्रैक पर से मिट्टी निकालकर मशीन के द्वारा ही गिट्टी भर दिया जाता है. पचास मजदूर एक दिन में जो काम करेंगे. मशीन से दो घंटे में काम पूरा कर लिया जाता है. मशीन से रेलवे ट्रैक पर चलाने के दौरान हर गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है,ताकि रेल परिचालन करने में परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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इन स्टेशनों पर चलायी जायेगी मशीन
अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन मशीन (अल्ट्रासाउंड मशीन) से गया रेलवे स्टेशन, वागेश्वरी गुमटी, करीगगंज गुमटी, एफसीआइ गुमटी, चाकंद रेलवे, बेलागंज, मुखदुमपुर रेलवे स्टेशन, मानपुर रेलवे स्टेशन, ईश्वर चौधरी हॉल्ट, गुरपा, पहाड़पुर व कोडरमा, सासाराम, डेहरी, भभुआ, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल सहित अन्य रेलवे स्टेशनों के रेल पटरियों का निरीक्षण किया जायेगा.

वर्ष 2020 में कई बार आयी थी रेल पटरी में दरारें
12 जनवरी को मानपुर रेलवे स्टेशन के आगे की आयी थी पटरी में दरार
21 जनवरी को एफसीआइ गुमटी के पास आयी थी पटरी में दरार
17 फरवरी को गया रेलवे स्टेशन के आगे 142/50 पोल के पास आयी थी दरार
तीन मार्च को वागेश्वरी गुमटी के पास पटरी में आयी थी दारारें

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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