Gaya News : .सदियों से था अंधेरा, अब विकास की रोशनी से मुस्करा रहा लाल गलियारा

Gaya News : बदलते बिहार की कहानी का एक महत्वपूर्ण अध्याय गया जिले का इमामगंज इलाका है. कभी इस इलाके में दिन में भी थानों में ताले लटके रहते थे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 9, 2025 10:36 PM

गया. बदलते बिहार की कहानी का एक महत्वपूर्ण अध्याय गया जिले का इमामगंज इलाका है. कभी इस इलाके में दिन में भी थानों में ताले लटके रहते थे. दारोगा अगर बाहर निकलते थे कि उनके पास सिर्फ रिवॉल्वर होता था, उसमें गोलियां नहीं. कहा जाता है कि अगर किसी दारोगा या पुलिसकर्मी को सजा देनी है, तो उसका स्थानांतरण इस इलाके में कर दिया जाये. हालात ऐसे थे कि दिन के उजाले में भी लोग संगीन के साये में जीते थे. समय के साथ सत्ता व शासन में बदलाव के बाद अब क्षेत्र विकास की नजीर पेश कर रहा है. 13 फरवरी को इसी क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम प्रस्तावित है. उस कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर प्रतिदिन ऑफसरों की आवाजाही हो रही है, लेकिन अब इन लोकसेवकों के चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं है. बड़े ही आराम से कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं.

यूं बदलती गयी स्थिति

नवंबर 2005 में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के तौर पर सूबे की सता संभाली, तो गया में मगध डीआइजी के रूप में चर्चित आइपीएस अरविंद पांडे की तैनाती की. तब भाकपा-माओवादी संगठन ने 2006 में डुमरिया थाने पर हमला किया था. हालांकि, थाना पर हमला कर हथियार लूटना व पुलिसवालों को मार गिराना माओवादियों के लिए नयी बात नहीं थी. लेकिन, यह हमला महंगा पड़ा और इस डीआइजी ने खुद मॉनीटरिंग की और जवानों का हौसला बढ़ाया. फिर क्या था, डुमरिया थाने की पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी. संसाधनों की कमी के बावजूद डुमरिया थाने की पुलिस ने माओवादियों को करारी शिकस्त दी और यह पहली घटना थी, जब माओवादियों को किसी थाने पर हमला करने के बाद खाली हाथ लौटना पड़ा था. इसके बाद माओवादियों ने 2009 में कोठी थाना पर हमला बोला. तब उस वक्त कोठी थाने की कमान श्रीराम सिंह संभाल रहे थे. लेकिन, उस दौरान भी पुलिसवालों ने माओवादियों को थाना परिसर के अंदर घुसने नहीं दिया और वहां से भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी.

पुल-पुलिया व सड़कों के पक्कीकरण ने तोड़ दी नक्सलियों की कमर

डुमरिया, इमामगंज व बांकेबाजार इलाकों में नदी-नालों व कच्ची सड़कों के कारण माओवादी हमला होने के कारण संबंधित थानों को सपोर्ट करना मुश्किल हो जाता है. तब सीएम नीतीश कुमार ने गया एसपी के पद को प्रोन्नत करते हुए एसएसपी (वरीय पुलिस अधीक्षक) कर दिया और सिटी एसपी व एएसपी का नया पद क्रिएट किया. साथ ही पुलिस व पारा मिलिटरी फोर्स के बीच कांबिंग ऑपरेशन को लेकर समन्वय बनाने को लेकर एएसपी (नक्सल) का भी एक नया पद बनाया. छकरबंधा में पुलिस पिकेट खोला गया. इसके अलावा भदवर, छकरबंधा, लुटुआ, मैगरा, सलैया व बोधिबिगहा में थाना खोल जवानों की तैनाती की गयी. साथ ही मैगरा व छकरबंधा के बीच कई स्थानों पर सीआरपीएफ के लिए पिकेट खोला गया. जगह-जगह पर पुलिस व पारा मिलिटरी फोर्स की तैनाती की गयी. दूसरी ओर डुमरिया, इमामगंज व बांकेबाजार इलाके में काफी तेजी से पुल-पुलिया बनाये गये. साथ ही कच्ची सड़कों का पक्कीकरण किया गया.

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