सरकारी एंबुलेंस से रेफर मरीजों पहुंचाया प्राइवेट अस्पताल, ड्राइवर की छुट्टी
सरकारी अस्पतालों से एंबुलेंस के माध्यम से हायर सेंटर मरीज को जरूरत होने पर रेफर किया जाता है. यहां से एंबुलेंस ड्राइवर की सेटिंग से मरीज को प्राइवेट अस्पताल पहुंचा दिया जा रहा है.
गया. सरकारी अस्पतालों से एंबुलेंस के माध्यम से हायर सेंटर मरीज को जरूरत होने पर रेफर किया जाता है. यहां से एंबुलेंस ड्राइवर की सेटिंग से मरीज को प्राइवेट अस्पताल पहुंचा दिया जा रहा है. प्राइवेट अस्पतालों में मरीज से खूब आर्थिक दोहन किया जाता है. गुरुवार की देर रात इस बात का खुलासा हो गया. डोभी से मरीज को मगध मेडिकल रेफर किया गया. यहां से सरकारी एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को भेजा गया. लेकिन, ड्राइवर ने परिजन को इतना समझाया कि मरीज प्राइवेट अस्पताल में पहुंच गया. सूत्रों का कहना है कि यह खेल सिर्फ प्राइवेट अस्पताल से कमीशन पाने के लिए ड्राइवर करते हैं. कई लोगों ने इसका विरोध किया, तो ड्राइवर ने साफ तौर पर कहा कि जिसको जहां शिकायत करनी है कर दें. सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी होती है. इधर जानकारी मिलते ही सिविल सर्जन, स्वास्थ्य डीपीएम व एंबुलेंस चलाने वाली एजेंसी के प्रभारी सक्रिय हो गये. इसके बाद जांच शुरू कर दी गयी. डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि किसी भी स्थिति में सरकारी एंबुलेंस से प्राइवेट अस्पताल में मरीज को नहीं पहुंचाया जायेगा. सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्था की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हर बार इस तरह की शिकायत मिल रही है. एजेंसी को ड्राइवर को हटाने का निर्देश दिया गया है. इधर, 112 एबुलेंस चलाने वाली एजेंसी के प्रभारी राहुल कुमार ने बताया के अधिकारी के निर्देश के बाद ड्राइवर को काम से हटा दिया गया है.
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