आचार संहिता में फंसी ANMMCH के सर्जरी व मेडिसिन वार्ड भवन की मरम्मत, हर दिन खतरे में 300 से अधिक लोगों की जान
गया के ANMMCH में सर्जरी व मेडिसिन वार्ड में कई बार छत गिरने से मरीज व परिजन घायल हो चुके हैं. लेकिन इस भवन की मरम्मत नहीं हो पा रही है. वो भी जब दिसंबर में ही मरम्मत के लिए टेंडर जारी कर दिया गया था.
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (ANMMCH) के सर्जरी व मेडिसिन वार्ड की बिल्डिंग एकदम ही जर्जर हालत में पहुंच गयी है. दो वर्ष पहले ही विभाग ने पूरी तौर से मरम्मत नहीं होने तक इस जर्जर बिल्डिंग में मरीज नहीं रखने की चेतावनी भी अस्पताल प्रशासन दे चुका है. इसके बाद भी यहां फिलहाल करीब 140 मरीज व इससे दोगुनी संख्या में परिजन के अलावा 75 की संख्या में डॉक्टर व अन्य कर्मचारी हर वक्त बिल्डिंग में मौजूद रहते हैं.
दिसंबर में फाइनल हो चुका है टेंडर
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, बीएमएसआइसीएल की ओर से मरम्मत के लिए टेंडर दिसंबर में ही फाइनल कर दिया गया है. वर्क ऑर्डर आचार संहिता के पेच में फंस कर रह गया है. अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही यहां मरम्मत का काम शुरू हो सकेगा.
कुछ दिन पहले की बात करें, तो सर्जरी व मेडिसिन वार्ड में कई बार छत गिरने से मरीज व परिजन घायल हो चुके हैं. छत के गिरने के कारण ही सर्जरी के एक वार्ड को फेब्रिकेटेड वार्ड में शिफ्ट कर दिया है. आठ दिसंबर को सर्जरी विभाग के हेड डॉ एके झा सुमन व डॉ केके सिन्हा के वार्ड को बंद कर दिया गया है. अन्य वार्डों में भी मरीज, परिजन व कर्मचारियों की हर वक्त सांस अटकी रहती है. कर्मचारियों का कहना है कि यहां पर काम करने में हर वक्त घायल होने या जान जाने का खतरा बना रहता है.
मरीज रखने के लिए जगह पड़ रही कम
अस्पताल में मरीज को रखने का जगह कम पड़ रही है. इस कारण यहां के मरीज को अन्यत्र जगह पर शिफ्ट करना संभव नहीं हो पा रहा है. बीएमएसआइसीएल के प्रतिनिधि यहां देखने पहुंचे थे. आश्वासन दिया है कि चुनाव बाद मरम्मत का काम शुरू किया जायेगा.
डॉ एनके पासवान, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच
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