गया में जमीन विवाद का मामला सुलझाने गई राजस्व अधिकारी बनीं किसान, महिला किसानों के साथ की धान की रोपनी

राजस्व अधिकारी ममता कुमारी एक जमीनी विवाद को सुलझाने गई थी. गांव से जमीनी विवाद को सुलझा कर खेत की पगडंडियों से होकर वापस लौट रही थीं तो उन्होंने खेत में महिलाओं को धान की रोपनी करते हुए देखा. इन किसान महिलाओं को देख कर महिला अधिकारी के मन में भी धान रोपने की इच्छा जाग गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2022 3:23 PM

गया जिले के खिजरसराय प्रखंड ब्लॉक आफिस में राजस्व अधिकारी के रूप में कार्यरत ममता कुमारी महिला किसानों को धान की रोपनी करते देख खुद भी खेत में रोपनी करने के लिए उतर गई. कीचड़ से सने खेत में महिलाओं को धान के पौधे की लगाते हुए देख महिला अधिकारी उनके जुझारूपन और पीड़ा को अनुभव करने के लिए स्वयं ही खेत में धान की रोपनी करने लगी.

जमीनी विवाद सुलझाने गई थी अधिकारी 

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व अधिकारी ममता कुमारी खिजरसराय प्रखंड के सोमरन बिगहा गांव एक जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए गई थी. जब वो गांव से जमीनी विवाद को सुलझा कर खेत की पगडंडियों से होकर वापस लौट रही थीं तो उन्होंने खेत में महिलाओं को धान की रोपनी करते हुए देखा. इन किसान महिलाओं को देख कर महिला अधिकारी के मन में भी धान रोपने की इच्छा जाग गई. बस फिर क्या था वह खुद कीचड़ से सने खेत में धान रोपने के लिए उतर गई जहां उन्होंने 15 मिनट तक धान की रोपनी की.

नौकरी से पहले भी धान रोपने की होती थी इच्छा 

राजस्व अधिकारी ममता कुमारी ने बताया कि नौकरी में आने से पहले भी जब वह महिला किसानों को खेत में धान रोपते हुए देखती थी तो उनके मन में भी धान रोपने की इच्छा होती थी. साथ ही उनके मन में एक प्रश्न भी उठता था की आखिर यह महिलायें गंदे पानी में घुस कर कैसे घंटों तक झुक कर काम कर लेती हैं. उन्होंने कहा की यह महिलायें हम आम महिलाओं से महान है. ऐसे मुश्किल कार्य को वह बिना उफ़ किए मुसकुराते हुए अपना काम करते रहती हैं.

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कीचड़ से सने खेत में रोपा धान 

राजस्व अधिकारी कीचड़ से सने खेत में नंगे पांव उतर कर धान रोपने लगीं तो उस खेत में धान रोप रहीं महिलाओं ने हंसते हुए कहा कि ‘मैडम रहने दीजिए आपका फ्रॉकवा गंदा हो जाएगा’, लेकिन महिला अधिकारी ने न तो अपने पैरो की चिंता की और न ही अपने महंगे कपड़ों की. अधिकारी ममता की लगन व धान रोपने की कोशिश को देख मजदूर महिलाओं को कहना पड़ा कि ‘मैडम तो बढ़िया से रोप रही हैं’. इस बीच एक शख्स ने यह भी कह दिया कि बढ़िया से मोरी रोपें मैडम, पांच किलो चावल मजदूरी भी मिलेगी.

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