गया. उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर माना जाता है. इसकी पहचान कर समय से निदान आवश्यक है. शारीरिक गतिविधियों में इजाफा कर तथा स्वस्थ खानपान की मदद से उच्च रक्तचाप की स्थिति से बचा जा सकता है. प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष इस दिवस की थीम “अपने रक्तचाप को सटीकता से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहेंगे. इस मौके पर जय प्रकाश नारायण अस्पताल परिसर में गैरसंचारी रोग विभाग की ओर से शुक्रवार को जागरूकता रैली निकाली गयी. जागरूकता रैली के दौरान गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बताया कि दुनिया में उच्च रक्तचाप यानि हाइ बीपी मौत का एक प्रमुख कारण है. हाइ बीपी की पहचान और प्रबंधन आवश्यक है. डॉ एमइ हक ने बताया कि हाइ बीपी में रक्तचाप सामान्य से अधिक हो जाता है और इसका बड़ा कारण तनाव, खराब जीवनशैली, स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले आहार और शारीरिक गतिविधि में कमी है. हाइब्लड प्रेशर से पीड़ित ज्यादातर लोगों को सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, सीने में दर्द होता है. हाइबीपी को यदि नियंत्रित नहीं किया जाता है तो यह दिल की बीमारी और स्ट्रोक की वजह बन सकता है. उच्च रक्तचाप दिवस को लेकर जिला के सभी सरकारी अस्पतालों में 17 से 23 मई तक नि:शुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान 30 एवं इससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों का उच्च रक्तचाप, मधुमेह तथा कैंसर की स्क्रीनिंग की जायेगी. उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए अपना वजन नियंत्रित रखें. शारीरिक गतिविधियों को व्यायाम तथा योगाभ्यास की मदद से बढ़ायें.
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