मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की धार्मिक, आध्यात्मिक व काफी पौराणिक मान्यता रही है. मकर संक्रांति पर फल्गु नदी में ही जिले के काफी लोग आकर स्नान कर विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना करते रहे हैं. 15 दिसंबर से शुरू मिनी पितृपक्ष मेले का समापन भी मकर संक्रांति यानी गंगा स्नान के दिन हो जाता है. मिनी पितृपक्ष में पितरों को पिंडदान के निमित्त देश के विभिन्न राज्यों से आये हजारों श्रद्धालु स्नान कर पिंडदान का कर्मकांड करते हैं.
स्थानीय लोगों के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों से काफी लोगों के मकर संक्रांति पर यहां पहुंचने से भीड़ अधिक हो जाती है. इस बार विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए समुचित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था में जुट गयी है.
वहीं दूसरी तरफ फल्गु नदी के पश्चिमी तट देवघाट के पास बने रबर डैम की सफाई कराकर नगर निगम चकाचक कर रहा है. इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है. इस डैम के गंदे पानी को हटाकर साफ-सफाई करायी जा रही है. जानकारी के अनुसार, इसके बाद डैम में साफ पानी भरा जायेगा.
14 व 15 जनवरी को जुटेगी श्रद्धालुओं की भीड़
गया विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जायेगा. लेकिन, पौराणिक प्रचलन के अनुसार 14 जनवरी को भी गंगा स्नान के लिए काफी श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को समुचित बुनियादी सुविधाएं व सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए अतिरिक्त सफाई व सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था की जा रही है. समिति से जुड़े सदस्यों के अलावा दो दर्जन से अधिक गयापाल पंडा समाज के युवाओं को विधि-व्यवस्था में लगाया जायेगा. जरूरत पड़ी, तो जिला प्रशासन से भी सहयोग मांगा जायेगा. समिति के अनुरोध पर रबर डैम की सफाई शुरू कर दी गयी है.
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