गया. समाहरणालय के सभागार में शनिवार को डीएम डॉ त्यागराजन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की गयी. इस दौरान बच्चों को दिये जाने वाले फुल्ली इम्युनाइजेशन की समीक्षा में फतेहपुर में मात्र 52 प्रतिशत प्रगति रहने पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की और फतेहपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व हॉस्पिटल मैनेजर का वेतन बंद करने का निर्देश दिया. एएनसी रजिस्ट्रेशन के समीक्षा के दौरान डीएम ने अपने-अपने क्षेत्र की सभी आशा को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं का सर्वे का कार्य गुणवत्ता पूर्ण करें तथा गर्भवती महिलाओं का एएनसी जांच नियमित रूप से करायें. उन्होंने कहा कि जिले में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी की प्रगति कम है. इसके लिए ग्रामीण स्तर पर और अधिक जागरूकता की आवश्यकता है. इमामगंज, अतरी, गुरारू व बोधगया में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी काफी कम रहने पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की है. गर्भवती महिलाओं की होम डिलीवरी के संबंध में डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि वैसा कोई निजी अस्पताल जो स्वास्थ्य विभाग से रजिस्टर्ड या एफिलिएटेड हैं, उन संबंधित अस्पतालों में एचएमआइएस पोर्टल के माध्यम से होने वाले प्रसव संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें. वर्तमान में जिले के 60 प्राइवेट अस्पतालों द्वारा एचएमआइएस पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है. जेइ टीकाकरण के समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि वैसे प्रखंड या टोले, जो अब तक प्रथम डोज या कैचअप डोज में छूटे हुए हैं, उन्हें अधिकतम सात दिनों के अंदर वैक्सीनेशन का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण कराने का निर्देश दिया. स्पेशल ड्राइव चलाकर 100 प्रतिशत टीकाकरण कराये. कोई टोला न छूटे, इसे सुनिश्चित करें. छूटे हुए बच्चों का लाइन लिस्ट तैयार करें. सुअर पालन क्षेत्रों में दवाओं का छिड़काव तेजी से पूर्ण कराये. डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, सभी हॉस्पिटल मैनेजर, सभी आशा, एएनएम व सभी मुखिया के साथ बैठक कर जेइटीकाकरण के बारे में बतायें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है