गया को हरा-भरा बनाने की तैयारी, वन विभाग और मनरेगा मिलकर मानसून में लगाएंगे 25 लाख पौधे

मॉनसून सीजन में इस वर्ष गया जिले में वन विभाग और मनरेगा द्वारा मिलकर 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे. यह फैसला जलवायु परिवर्तन की वजह से पर्यावरण पर पड़ रहे असर को देखते हुए लिया गया है.

By Anand Shekhar | June 21, 2024 5:20 AM

Greenery In Gaya: गया में विभिन्न विभागों की ओर से जनसरोकार के उद्देश्य से किये जा रहे कार्यों की बुधवार की देर शाम समाहरणालय सभाकक्ष में समीक्षा की गयी. सहकारिता विभाग सह वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार भी इसमें शामिल हुए. डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बताया कि साल दर साल मौसम में अचानक बदलाव देखे जा रहे हैं. जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अभियान के रूप में पौधे लगाने होंगे.

इस वर्ष मॉनसून सीजन में वन विभाग व मनरेगा द्वारा 25 लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना है. इसमें जिले के सभी विभागों जैसे- पुलिस विभाग, विभिन्न लाइन डिपार्टमेंट, प्रशासनिक विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि की पूरी सहभागिता अपेक्षित रहेगी. वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष मॉनसून में दो प्रकार की योजना ली गयी है, पहली योजना जंगल के अंदर पौधारोपण व दूसरी योजना जंगल के बाहर पौधारोपण है. जंगल के अंदर इस वर्ष आठ लाख पौधे लगाने की योजना तैयार की गयी है.

गया शहरी क्षेत्र में लगाये जायेंगे 10 हजार पौधे

गया शहरी क्षेत्र में 10 हजार पौधे लगाये जायेंगे. वन विभाग द्वारा आठ बड़े सड़कों को चिह्नित किया है, जिसके किनारे-किनारे तथा यात्रियों के छांव व पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए 16,800 पौधे इस वर्ष लगाये जायेंगे. जीविका दीदी को 4,64,000 पौधे उपलब्ध कराये जायेंगे. विभिन्न प्रकार के 42 विभागों को वन विभाग की ओर से पत्र भेजा गया है, जिसमें यह अनुरोध किया गया है कि यदि कार्यालय परिसर में खाली जगह है, तो उसकी सूचना दें ताकि उसी अनुसार से उन्हें पौधे उपलब्ध कराये जा सकें.

इसके अलावा सीआरपीएफ, एसएसबी व सभी थानाध्यक्ष को भी पत्र दिया गया है. इस वर्ष पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार पहाड़ यथा-प्रेतशिला, रामशिला, डुंगेश्वरी व ब्रह्मयोनि पर बरसात के मौसम में पहाड़ों पर सीड बॉल का छिड़काव किया जायेगा.

पहाड़ों पर पानी रोकने के लिए एक कार्ययोजना करें तैयार : मंत्री

मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने डीएम को सुझाव दिया कि गया जिला बड़े-बड़े पहाड़ों से घिरा हुआ है. लगातार पानी की समस्या भी देखी जा रही है. बरसात के मौसम में पहाड़ों का पानी प्राय: बर्बाद हो जा रहा है. पहाड़ों पर पानी रोकने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करें, इसके लिए विशेषज्ञ या कंसल्टेंसी के माध्यम से उनकी मदद लें व पहाड़ों का सर्वे कराकर पहाड़ों का पानी कैसे रोका जाये, इस पर योजना तैयार करें. इससे पहाड़ों पर हरियाली के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन पर भी काफी लाभदायक साबित होगा.

उन्होंने औरंगाबाद-चोरदाहा सड़क, वाराणसी-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना, आमस-दरभंगा परियोजना, एनएच-2 शेरघाटी से डोभी बाराचट्टी होते हुए झारखंड बॉर्डर तक जाने वाले सड़क के किनारे पूरी संख्या में पौधा लगाने का निर्देश सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को दिया गया है. डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी व जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिले के बड़े किसानों को राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना कृषि वाणिज्यिक योजना से जोड़ते हुए पौधे लगवाएं.

बुडको के कार्यपालक अभियंता के अनुपस्थित रहने पर मंत्री ने जतायी नाराजगी

समीक्षा बैठक में मंत्री ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि निगम क्षेत्र में पड़ने वाले सभी पार्कों का निगम के अधिकारियों से सर्वे करवाकर विस्तृत सूची बनाते हुए वन विभाग को स्थानांतरित करने का कार्य करें, ताकि और अच्छे ढंग से पार्कों का रख रखाव व सौंदर्यीकरण किया जा सके.

मंत्री ने नगर आयुक्त को बताया कि निगम के राजस्व में आय को बढ़ाने के उद्देश्य से निगम के बड़े प्लॉट जो वर्तमान समय में खाली पड़े हैं, वहां पार्किंग की व्यवस्था या बड़े मॉल निर्माण करवाने पर विचार करें, ताकि ट्रैफिक जाम से निजात भी मिलेगी व निगम को राजस्व भी प्राप्त होगा. उन्होंने बुडको के कार्यकलापों को देख कर घोर नाराजगी प्रकट की है. उन्होंने कहा कि प्रायः कार्यपालक अभियंता बुडको बैठक में अनुपस्थित ही पाये जाते हैं. शहरी क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने का काम भी काफी धीमा है. बरसात का मौसम भी आने वाला है.

83 हजार में 70 हजार हाउस होल्ड के घर आपूर्ति हो रही गंगाजल : नगर आयुक्त

नगर आयुक्त ने बताया कि 83 हजार हाउस होल्ड में से 70 हाउस होल्ड में गंगाजल आपूर्ति की जा रही है. मंत्री ने कहा कि गर्मी में पानी का डिमांड बढ़ रहा है, उसी अनुरूप पानी आमजनों तक उपलब्ध करवायें. जिन टोलों में पानी की समस्या है, वहां तत्काल टैंकर भेजकर पानी की समस्या का समाधान करवायें. काटे गये सड़कों को तुरंत ठीक करवायें. बरसात व पितृपक्ष मेला को ध्यान में रखते हुए नये सिरे से कोई सड़क नही काटे, सड़क काटने से पूर्व डीएम या नगर आयुक्त की सहमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी.

मंत्री ने नगर आयुक्त, अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपाधीक्षक यातायात को निर्देश दिया कि प्रतिदिन का रोस्टर बनाकर मुख्य सड़क जैसे-केपी रोड, जीबी रोड, टिकारी रोड, रमना रोड, बाइपास सहित अन्य वैसी सड़क, जहां आये दिन जाम की समस्या देखी जा रही है, वहां अतिक्रमण हटाओ अभियान चलायें.

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