गया. विधि-व्यवस्था को लेकर इंडी गठबंधन के नेताओं को बोलने का कोई हक नहीं है. तरह-तरह के बयान के बदले थेथरलोजी पर उतर गये हैं. बिहार में घटनाएं होते के साथ ही कार्रवाई भी शुरू हो जाती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त निर्देश दिया है कि किसी को भी कानून तोड़ने की छूट नहीं दी जाये. उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को बोधगया में पत्रकारों को संबाेधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि वे 1980 से विधायक हैं. लालू-राबड़ी की सरकार में आपराधिक घटनाएं जैसे अपहरण, हत्या आदि के होने के बाद मुख्यमंत्री आवास में दोनों पार्टी को बुलाकर मैनेज कर दिया जाता था. फिरौती का अंधा खेल चलता था. उन्होंने एक घटना का विवरण देते हुए कहा कि उस वक्त एक डॉक्टर का अपहरण हुआ था. पांच लाख में मामला तय हुआ. अब इस सरकार में इस तरह की घटना नहीं होती है. उस वक्त की अपेक्षा बिहार में विधि-व्यवस्था बहुत ही सुधरी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में बहुत बेहतर सरकार चला रहे हैं. उनके कारण ही वे भी मुख्यमंत्री बने थे. इससे उनकी प्रतिष्ठा बहुत बढ़ी है. इसलिए नीतीश कुमार के खिलाफ या फिर विरोध में बोलने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. महागठबंधन से अलग आकर नीतीश कुमार ने हमें व हमारी पार्टी को नयी राह दिखा दी.
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