Gaya: बचपन में छिना पिता का साया, नाना के घर रहकर की पढ़ाई, बहन बनीं जज, भाई बना लेफ्टिनेंट
Gaya: सिर से पिता का साया छीनने के बाद भी गया के रहने वाले भाई-बहन ने हिम्मत नहीं हारी और अधिकारी बनकर अपने परिवार का रौशन किया है.
Gaya: “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”, ये लाइन आज गया के रहने वाले शिवम आनंद और उनकी बहन शिवांगी पर एकदम सटीक बैठती है. बचपन में सिर से पिता का साया छीनने के बाद दोनों ने अपने नाना के घर पर रहकर पढ़ाई की और आज इतिहास रच दिया. दरअसल, कुछ दिन पहले ही बिहार न्यायिक सेवा का रिजल्ट आया जिसमें बहन शिवांगी का 11वां स्थान मिला और वह जज बनीं. वहीं, अब भाई शिवम आनंद 14 दिसंबर को देहरादून में कड़ी ट्रेनिंग करने के बाद पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं.
बचपन में सिर से छिना पिता का साया
शिवम आनंद और शिवांगी का पैतृक घर गया जिले के परैया थाना क्षेत्र के राजाहरि गांव में है. पिता मनोज कुमार पेशे से वकील थे. घर में सब ठीक था. लेकिन शायद कुदरत को यह मंजूर नहीं था और मनोज कुमार की असमय मौत हो गई. सिर से पिता का साया छीनने के बाद शिवम आनंद और उनकी बहन अपनी मां के साथ गया स्थित मानपुर के लक्खीबाग में अपने नाना के यहां रहकर पढ़ाई करते थे. बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए मां ने भी अपना सब कुछ उनपर न्यौछावर कर दिया. वहीं, बच्चों ने भी मां की तपस्या को जाया नहीं होने दिया और अधिकारी बनकर उनका नाम रौशन किया है.
शिवम बने लेफ्टिनेंट और शिवांगी बनीं जज
परिवार के लोगों ने बताया कि शिवम आनंद पहले प्रयास में ही 2020 में एनडीए कंप्लीट कर पुणे के खडगवासला से 2023 में पास आउट हुए. इसके बाद आईएमए देहरादून में एक साल का कड़ी ट्रेनिंग ली. फिर 14 दिसंबर को पास आउट होकर वह लेफ्टिनेंट बन गए. वहीं, बिहार न्यायिक सेवा का रिजल्ट आने पर बहन शिवांगी को 11वां स्थान मिला और जज बनीं. शिवम आनंद के पास आउट कार्यक्रम में देहरादून में उनके नाना महेश कुमार शर्मा माता श्वेता कुमारी बहन शिवांगी शामिल हुए.
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