गया.
राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रिंसिपल डॉ सतीश सिंह चंद्र के निर्देश पर शिक्षा शास्त्र विभाग में वर्षभर खेलकूद में अच्छा करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय धीरज ने कहा कि युवाओं को मेजर ध्यानचंद की जीवनी को पढ़ना चाहिए और सबक लेनी चाहिए. हमारे जीवन में खेल कूद का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. खेल हमें शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं. डॉ धीरज ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वह स्कूली बच्चों को मोबाइल के बढ़ते हुए प्रभाव से रोके और इनडोर व आउटडोर गेम्स की तरफ प्रेरित करें. मोबाइल गेम्स की तरफ बढ़ता हुआ रुझान कई प्रकार से विद्यार्थियों के जीवन को नुकसान पहुंचा रहा है. विद्यार्थियों को मोबाइल के खेल की दुनिया से बाहर निकाल कर वास्तविक खेल की दुनिया से जोड़ा जाए. विद्यार्थियों को खेल से जुड़ी हुई विभिन्न विधाओं की जानकारी व खेल से प्राप्त होने वाले अवसरों के बारे में बताएं. राष्ट्रीय व विश्व स्तरीय खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें. इस कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक सहायक प्राध्यापक डॉ अभिषेक कुमार ने किया. मौके सहायक प्राध्यापक अजय शर्मा, प्राे डॉ आरएन प्रियदर्शनी, निखत परवीन, पुस्तकालय अध्यक्ष संगीता राय. ताजवर नाज, मुजाहिद इमाम अहमद, अश्वनी कुमार, विकास कुमार व साबिर समेत सभी शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है