गया. जिला में एनीमिया को दूर करने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है. कार्यक्रम की मदद से आयरन की कमी वाले बच्चों, किशोर-किशोरियों तथा महिलाओं की पहचान कर आवश्यक पोषण संबंधी परामर्श तथा दवा दी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग, आइसीडीएस तथा शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. जिला में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के संचालन का निगरानी के लिए बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति व यूनिसेफ की पोषण टीम ने शेरघाटी अनुमंडल का दौरा किया. इसके बाद टीम के सदस्यों ने डीएम डॉ त्यागराजन एसएम से भी मुलाकात की. इस दौरान यूनिसेफ के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली से पोषण विशेषज्ञ डॉ रिचा पांडेय के साथ यूनिसेफ बिहार की पोषण विशेषज्ञ डॉ अंतर्यामी दास, डॉ संदीप घोष, जिला स्वास्थ्य समिति से डीपीएम नीलेश कुमार तथा यूनिसेफ राज्य सलाहकार प्रकाश सिंह एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे. टीम ने शेरघाटी प्रखंड में जयपुर हरिजन टोला के आंगनाबाड़ी केंद्र सहित योगापुर मध्य विद्यालय, समोद बीघा स्वास्थ्य उपकेंद्र तथा शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल का भ्रमण किया. टीम ने पोषण ट्रैकर, ग्रोथ मॉनिटरिंग, आयरन सीरप का वितरण तथा ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा पोषण दिवस कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जांच तथा हीमोग्लोबिन कम होने पर गर्भवती महिलाओं को आयरन सुक्रोज का डोज चढ़ाने से संबंधित आवश्यक बिंदुओं का आकलन किया. यूनिसेफ की टीम ने डीएम के साथ बैठक कर बताया कि जिला स्तर पर पर शिक्षा, आइसीडीएस तथा स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त रूप से बैठक कर समीक्षा की आवश्यकता है. एनीमिया के दर की स्थति को देखते हुए स्वाथ्य, शिक्षा व आइसीडीएस विभागों की ओर से 06-59 माह तथा पांच से नौ वर्ष के बच्चों एवं 10 से 19 वर्ष के किशोर.किशोरियों और गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के लिए आयरन फोलिक एसिड सीरप व गोली का वितरण किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डीएम की ओर से संचालित श्रवण श्रुति और आसमा कार्यक्रम की विस्तार से टीम को जानकारी दी. क्षेत्र भ्रमण के बाद टीम ने सिविल सर्जन की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग, आइसीडीएस तथा स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में अपने सुझाव तथा फीड बैक दिए. शिक्षकों, आशा कर्मियों और एएनएम का एनीमिया दूर करने संबंधी प्रशिक्षण तथा इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए परिजनों के साथ नियमित बैठक पर बल दिया. दवा की आपूर्ति और वितरण को मजबूत करने के सुझाव दिये
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