मेयर ने गलत कागजात के आधार पर अनुसूचित जाति का उठाया फायदा

पूर्व विधायक व भाजपा नेता सह मेयर पद के उम्मीदवार रहे श्यामदेव पासवान ने बुधवार को प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान की ओर से किये जा रहे दुसाध जाति ( अनुसूचित जाति ) के दावे को प्रशासनिक जांच में खारिज किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 12, 2024 8:21 PM

गया. पूर्व विधायक व भाजपा नेता सह मेयर पद के उम्मीदवार रहे श्यामदेव पासवान ने बुधवार को प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान की ओर से किये जा रहे दुसाध जाति ( अनुसूचित जाति ) के दावे को प्रशासनिक जांच में खारिज किया गया है और इसका फैसला चुनाव आयोग 18 तारीख को करेगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने ही मेयर के खिलाफ आवेदन दिया गया था कि मेयर अनुसूचित जाति के नहीं हैं और गलत कागजात पर चुनाव लड़ा है. 2023 से ही इसकी जांच शुरू थी. सामान्य प्रशासन विभाग, कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग ने गहनता से जांच कर इनकी जाति को स्पष्ट कर दिया है. जांच रिपोर्ट के 12 नंबर के बिंदु में साफ तौर कहा गया है कि अपराध अनुसंधान विभाग व सामान्य समिति के सभी सदस्यों के जांच प्रतिवेदन के तथ्यों को खारिज करने का कोई सटीक साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. उन्होंने डीएम व नगर आयुक्त काे पत्र देकर चुनाव आयोग के फैसले तक किसी तरह की महत्वपूर्ण बैठक नहीं आयोजित करने का आग्रह किया है. इस मौके पर वार्ड नंबर 13 के पार्षद राहुल कुमार, धनंजय कुमार उर्फ विक्की शर्मा, आकाश पासवान उर्फ भंटा पासवान आदि मौजूद थे. मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने कहा कि उनकी जात पर सवाल खड़ा कर राजनीतिक विरोधी बदनाम करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं. इससे पहले भी उनके वार्ड के विरोधी उम्मीदवार की ओर से जात को लेकर सवाल खड़ा किया गया था. लेकिन, उस दौरान जांच में डीएम ने क्लीन चीट दे दी थी. अब एक बार फिर इस मामले काे उठाया गया है. अपनी पहुंच के बल पर उन्हें परास्त करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में इस मामले को लेकर 18 को सुनवाई होनी है. इससे पहले इस मामले को उछालना उनकी मंशा को पर्दाफाश कर देता है. उन्होंने कहा कि दो बार इस पद के लिए चयनित हुए. इस बार तो डायरेक्ट वोटिंग में विरोधी प्रत्याशी को जनता ने नकार दिया. इसके बाद भी एन-केन-प्रकारेन इस पद पर काबिज होना चाहते हैं. जीत सच्चाई की ही होती है.

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