बोधगया. शून्य के महानतम गुरु बुद्ध के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के रूप में शून्यती इंटरनेशनल फाऊंडेशन के तहत रविवार को महाबोधि मंदिर के सामने निरंजना नदी में सबसे बड़ा शून्य मेगा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही नेपाल और दुनिया के कई देशों से भी साधक शामिल होंगे. इस संबंध में शून्यती इंटरनेशनल फाउंडेशन की ओर से जानकारी दी गयी कि यह पांचवा अंतरराष्ट्रीय शून्य मेगा इवेंट होगा, जिसमें ध्यानाचार्य नागाजीव के नाम से विख्यात डॉ लिम सियो जिन के नेतृत्व में साधक शून्य का अभ्यास करेंगे. जानकारी दी गयी कि डॉ लिम मलेशिया के नागरिक हैं और आइआइटी खड़कपुर से स्नातक किया है. वह एक सफल वैश्विक व्यवसायी हैं और इस तकनीक के मास्टर हैं. उनके वंश चाइनीज हैं और भारत और इसकी महान संस्कृति के प्रति उनके अपार प्रेम ने उन्हें अपने फाउंडेशन शून्यती इंटरनेशनल फाउंडेशन के तहत भारत में शून्य ध्यान कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित किया. शून्य आंदोलन अब दुनिया के प्रमुख के हिस्सों में फैल कर एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है. फाउंडेशन द्वारा शून्य मेगा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इसमें हजारों साधक लुंबिनी और बोधगया आते हैं. शून्य बुद्ध द्वारा सिखायी गयी प्राचीन ज्ञान तकनीक है जो मानवता को उसके दुख से मुक्ति दिलाती है. शून्य समता और विपश्यना है. यह शांति और वास्तविकता की प्रकृति में अंतर्दृष्टि है. तथागत बुद्ध को भी बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे मानव मुक्ति के इस मार्ग के लिए जागृत किया था.
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