मुस्कुराया शहर, तो अंगड़ाई भरने लगे लोग
कोरोना को लेकर लॉकडाउन के बीच कई दुकानों व संस्थानों को समयबद्ध तरीके से खोले जाने के जिला प्रशासन के आदेश के बाद शुक्रवार को शहर मुस्कुराया. इसी के साथ घरों में करीब 45 दिनों से बंद लोगों ने अंगड़ाई ली और निकल पड़े सामान की खरीदारी करने
गया : कोरोना को लेकर लॉकडाउन के बीच कई दुकानों व संस्थानों को समयबद्ध तरीके से खोले जाने के जिला प्रशासन के आदेश के बाद शुक्रवार को शहर मुस्कुराया. इसी के साथ घरों में करीब 45 दिनों से बंद लोगों ने अंगड़ाई ली और निकल पड़े सामान की खरीदारी करने. न सिर्फ खरीदारी करने, बल्कि शहर की गतिविधि व नजारा देखने भी लोग सड़कों पर निकले पड़े. कई जगहों पर तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होते नहीं देखा गया. प्रशासन की सख्ती भी जिस कदर थी, वैसी कुछ भी दिखायी नहीं दी.
जैसे सब कुछ सामान्य हो गया, लेकिन कहीं यह महंगा न पड़ जाये. सावधानी हटते ही दुर्घटना घटने की संभावना तेज हो जाती है. वैसे तो आमलोगों का भी दायित्व है कि फिलहाल लॉकडाउन की स्थिति बनाये रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें. अगर इसकी चेन टूटेगी, तो निश्चित रूप से एक लंबे समय के लिए फिर हम सभी को परेशानी झेलने को मजबूर होना होगा. सरकार और प्रशासन ने सहूलियत दी है, तो इसका लोग बेजा इस्तेमाल न करें. यह भीड़ गलत संकेत दे रही है.
आगे प्रशासन को सख्ती दिखलाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इससे पहले हमें सजग, सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है. सामान खरीदने जरूर जाएं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें. भीड़ से बचें और सरकार व प्रशासन का सहयोग जिस तरह से 45 दिनों से करते आ रहे हैं, उसे बनाये रखने की जरूरत है. ऐसा नहीं करने पर बिजनेस, व्यापार के लिए जो छूट मिली है, उस पर पुन: काले बादल मंडरा सकते हैं और इसमें हम सब का नुकसान होगा. शुक्रवार को बाजार में खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स व अन्य गुड्स दुकानों में जिस तरह से भीड़ देखी गयी, उससे प्रतीत होता है कि लोग लॉकडाउन को भूल गये.