गया न्यूज : विवेकानंद केंद्र में गीता जयंती समारोह का आयोजन, श्रीकृष्ण भजन की दी प्रस्तुति
गया.
आइएमए हाॅल में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा गया की ओर से गीता जयंती समारोह का आयोजन किया गया. समारोह प्रारंभ केंद्र के सेवाव्रती कार्यकर्ता निरंजन बोरो के तीन ओंकार शांति पाठ से हुआ. इसके बाद मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया. केंद्र के सक्रिय कार्यकर्ता विद्योतमा चौधरी ने विवेकानंद केंद्र के उद्देश्यों व कार्य पर प्रकाश डाला. कृष्ण प्रिया भारद्वाज ने श्रीकृष्ण भजन की प्रस्तुति दी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की संस्कृत भाषा की शोध छात्रा रश्मि भारद्वाज ने विषय प्रवेश कराया. स्वागत भाषण डॉ श्रीप्रकाश सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि गीता हमें जीवन जीने की कला सिखाती है. मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त विशेष सचिव डाॅ उपेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि भगवान कृष्ण ने गीता का संदेश द्वापर युग महाभारत के मैदान कुरुक्षेत्र में अर्जुन को निमित्त कर पूरे मानव के लिए दिये थे. उस समय कौरवों ने पांडवों के हक की हकमारी की थी. आज भी परिस्थिति वैसी ही है. बलशाली व दबंग लोग कमजोर व सामान्य लोगों की हकमारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गीता का प्रारंभ विषाद योग से होता है. अर्जुन विषाद व द्वंद से आक्रांत है. भगवान श्रीकृष्ण इस अवस्था से उसे मुक्त करने लिए गीता का संदेश देते हैं. उन्होंने सांख्य योग, भक्ति योग, कर्म योग व सन्यास पर विशेष चर्चा की. मुख्य अतिथि इस्कॉन मंदिर के प्रबंधक जगदीश श्याम दास ने कहा कि गीता का प्रत्येक श्लोक आपके लिए एक प्रेम पत्र है. मगध विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के प्राध्यापक प्रो पीयूष कमल सिन्हा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व पर गीता का गहरा प्रभाव था. उनके दार्शनिक विचारधारा के निर्माण में गीता का महत्वपूर्ण स्थान है.विवेकानंद केंद्र मगध विभाग के संचालक प्रो अरुण कुमार प्रसाद ने अपने अध्यक्षीय भाषण में गीता पर व्याख्यान के क्रम में कहा कि गीता जीवन जीने की शिक्षा देती है. धन्यवाद ज्ञापन मगध विभाग केंद्र के संरक्षक डॉ विजय कुमार करण ने किया. उन्होंने बेला के अमरेन्द्र कुमार सहित मंचासीन अतिथियों को शाल व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया. मंच संचालन नगर संचालक संजय किशोर ने किया. कार्यक्रम का समापन वीणा गुप्ता के शांति मंत्र से किया गया. इस अवसर पर बलराम शर्मा, आनंद कुमार, राय हेमंत कुमार सिन्हा, विनोद कुमार, मीनाक्षी सेठ, सुनीता कंधवे, हिन्दी साहित्य सम्मेलन के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र, सचिव सुमंत कुमार, सुरेश प्रसाद, विनोद सिंह, कुमार श्याम, संजय कुमार, सुबोध चखैयार, विनय कुमार, अभिषेक कुमार आदि मौजूद रहे.
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