टिकारी. प्रखंड क्षेत्र में गरमा व खरीफ फसल पर किसानों का जोर है. लगभग 108 एकड़ में तिल और 1165 एकड़ में मूंग की खेती किया जा रहा है. दोनों फसल इस वक्त खेतों में लहलहा रहाी है. मौसम आधारित फसल लगाने के लिए किसानों को समय-समय पर प्रेरित किया जाता रहा है. बताया जाता है कि कम लागत में अधिक पैदावार व अच्छा मुनाफा किसानों को होता है. गौरतलब है कि गया जिला तिलकुट के लिए काफी प्रसिद्ध है और तिल तिलकुट के लिए महत्वपूर्ण है. तिल बाहर से आता है, इसलिए प्रखंड क्षेत्र में तिल के उत्पादन होने से व्यापारियों को बाहर से आनेवाले तिल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. किसानों को भी उचित मूल्य मिल सकेगा. प्रखंड कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक टिकारी प्रखंड में 750 एकड़ में ढैचा का बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इसी प्रकार चिह्नित चार गांव में ज्वार, दो गांव में बाजरा, आठ गांव में राई व मडुआ, पांच गांव में कौनी/चीना, पच्चास गांव में मक्का व एक गांव में बेबीकॉर्न की खेती किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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