Gaya News : किसानों की प्रगति से ही देश की तरक्की संभव

Gaya News : पीएम किसान एफपीओ योजना के तहत गठित एफपीओ कार्यालय व किसान प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन बुधवार को किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2025 11:17 PM
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डुमरिया. पीएम किसान एफपीओ योजना के तहत गठित एफपीओ कार्यालय व किसान प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन बुधवार को अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शेरघाटी विकास कुमार, नवचैरिटेबल सोशल हेल्प फांउडेशन के निदेशक दिनेश कुमार यादव, प्रखंड कृषि पदाधिकारी बिदेश्वर राम, प्रमुख प्रतिनिधि जितेंद्र सिंह व पूर्व प्रमुख रामचंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जलित कर व फीता काट कर उद्घाटन किया. इस दौरान अनुमंडल कृषि पदाधिकारी विकास कुमार व निदेशक दिनेश कुमार यादव ने एफपीओ के उद्देश्य व एफपीओ की ओर से किये जानेवाले विभिन्न व्यवसाय पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि किसानों व महिलाओं की प्रगति से ही देश की प्रगति संभव है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी श्री कुमार ने कहा कि यह किसानों का, किसानों के लिए, किसानों की ओर से बनाया गया संगठन है. इसलिए सभी एकजुट होकर सुदृढ़ एफपीओ का निर्माण करें, ताकि किसानों को लाभान्वित किया जा सके. संगठित होकर भी किसानों को लाभ पहुंचाया जा सकता है. इसलिए किसानों को एफपीओ से अधिक से अधिक जुड़ने पर जोर दिया. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने कहा कि इतने सुदूर क्षेत्र में किसानों के हित के लिए संस्था खुले, इससे काफी प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि अभी इसके 100 सदस्य बने हैं. इसका लक्ष्य है 300 सदस्य बनाना. इस मौके पर प्रखंड किसान सलाहकार समिति अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद, पूर्व आत्मा अध्यक्ष मदन प्रसाद, प्रखंड तकनीकी प्रबंधन सुनील कुमार मंडल, सहायक तकनीकी प्रबंधन सचितानंद, सरपंच प्रतिनिधि नन्दई कमलेश कुमार, किसान उच्च विद्यालय शिवनगर नन्दई के प्राचार्य संतोष कुमार, संस्था के प्रधान वीरेंद्र कुमार, एसएम स्कूल के निदेशक अभियंता मुकुल कुमार, सत्येंद्र कुमार, सुदर्शन कुमार, पूर्व मुखिया श्यामबिहारी प्रसाद, मोहन प्रसाद, अजय प्रसाद, पूर्व पंचायत समिति सदस्य मंजू देवी व मनोरमा देवी आदि मौजूद थे.

क्या है एफपीओ स्कीम

देश के किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एफपीओ योजना चलायी है. इस स्कीम के तहत किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ उनका कर्जा उतारने की कोशिश की जा रही है. इस योजना के तहत कम से कम 11 किसानों के एक समूह को किसानों को खेती किसानी के साथ-साथ एग्री बिजनेस करने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है. इस तरह किसान आत्मनिर्भर बनते ही हैं, साथ ही आर्थिक संकट से राहत पाते हैं.

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