गया. रूल ऑफ लॉ के अनुसार जो मजबूत है, वह कमजोर का शोषण नहीं कर सकता. उक्त बातें किरानी घाट रोड स्थित अग्रसेन भवन के सभागार में शनिवार को अधिवक्ता परिषद द्वारा दो दिवसीय बिहार प्रदेश प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र पर कानून का शासन बनाम प्राकृतिक न्याय विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह स्थायी लोक अदालत लोहरदगा के लोकायुक्त शिव कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि रूल आफ लॉ धर्म है, वह सनातन है. यहीं से लॉ गाइड होता है. देश विदेश की नीतियां इसी के तहत संचालित हैं. रूल आफ लॉ यह बताता है कि जो मजबूत है, वह कमजोर का शोषण नहीं कर सकता है. साथ ही जो जितना मजबूत व्यक्ति है, उसका दंड भी उसी के अनुसार बड़ा होता है. दो दिवसीय इस अधिवेशन की शुरुआत राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् से किया गया.पहले सत्र में अधिवक्ता परिषद बिहार प्रदेश इकाई सत्र 2024-27 के लिए चुनाव से हुआ. निर्वाचन पदाधिकारी झंझारपुर के विनोद कुमार मिश्रा की देखरेख में चुनाव संपन्न हुआ. इस चुनाव में महेश प्रसाद सिन्हा को अध्यक्ष, मधेपुरा के धरणीधर सिंह को महामंत्री व पटना की शोभा चौबे को कोषाध्यक्ष चुना गया. इसके बाद उद्घाटन सत्र शुरू हुआ. इसका उद्घाटन राष्ट्रगान से किया गया. उद्घाटन सत्र को इनके अलावा रवींद्र कुमार सिंह, मीता कुमारी, चेतन कुमार, आमोद कुमार सिंह, उमेश प्रसाद सिन्हा सहित बिहार के विभिन्न जिलों से आये एक दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने संबोधित करते हुए कानून का शासन बनाम प्राकृतिक न्याय विषय पर अपनी बात रखी. मंच संचालन स्मिता सोनी ने किया. पहले दिन के कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से करीब सौ प्रतिनिधि शामिल हुए.
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