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अधिकतर सरकारी दफ्तरों में अग्नि सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं

गया शहर में स्थित अधिकतर सरकारी दफ्तरों में आकस्मिक होनेवाली आगलगी की घटनाओं से निबटने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. शहरी क्षेत्र में सौ से अधिक सरकारी दफ्तर हैं जहां काफी पुरानी फाइलें भी रखी हुई हैं, पर सुरक्षा के लिए कुछ भी तैयारी नहीं है

गया. गया शहर में स्थित अधिकतर सरकारी दफ्तरों में आकस्मिक होनेवाली आगलगी की घटनाओं से निबटने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. शहरी क्षेत्र में सौ से अधिक सरकारी दफ्तर हैं जहां काफी पुरानी फाइलें भी रखी हुई हैं. आश्चर्य की बात है कि आकस्मिक होनेवाली अगलगी की घटनाओं से इन फाइलों के साथ-साथ दफ्तरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर व कर्मचारियों की जानमाल की सुरक्षा के लिए कुछ भी तैयारी नहीं है. अग्निशमन विभाग द्वारा आकस्मिक होने वाली अगलगी की घटनाओं को रोकने व आग लगने पर उसे बुझाने को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. निजी दफ्तरों में तो इस अभियान का असर दिख जाता है, लेकिन सरकारी दफ्तरों में अग्निशमन विभाग के इस जागरूकता अभियान को नजरअंदाज किया जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण कहा जा सकता है. मंगलवार को शहर स्थित कई सरकारी दफ्तर में देखा गया कि आकस्मिक होने वाली अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए किसी तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं है. शहर के डाक बंगला रोड स्थित वाणिज्य कर विभाग में पांच कार्यालय संचालित हैं. एक सौ से अधिक पदाधिकारी व कर्मचारी यहां काम कर रहे हैं. जरूरी कागजातों के पहाड़ भी लगे हुए हैं. लेकिन आग से सुरक्षा के लिए यहां किसी तरह की व्यवस्था नहीं है. इससे सटे जिला पर्षद का कार्यालय है. यहां भी अग्नि सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. सदर अनुमंडल कार्यालय की भी यही स्थिति है. समाहरणालय प्रांगण में स्थित जिला पंचायती राज कार्यालय, जिला आपूर्ति कार्यालय का हाल भी कुछ इसी तरह की है. इन कार्यालय में भी दर्जनों पदाधिकारी व कर्मचारी ड्यूटी कर रहे. फाइलों के दर्जनों बंडल हैं. यदि किसी तरह की अनहोनी हो जाती है तो काफी जान माल का नुकसान हो सकता है. मिला-जुला कर शहर के अधिकतर सरकारी दफ्तर में यदि आकस्मिक अगलगी की घटना हुई तो उसपर काबू पाने के लिए लोग अग्निशमन विभाग पर ही निर्भर हैं. जिला निबंधन कार्यालय में आकस्मिक होने वाली अगलगी की घटनाओं से निबटने के लिए दो अदद अग्नि सुरक्षा उपकरण उपलब्ध है, पर इसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है. डीआरडीए में कार्यालय में भी दो अग्नि सुरक्षा उपकरण के साथ-साथ बालू भरी दो बाल्टी भी आकस्मिक होने वाली आग लगी की घटनाओं से निपटने के लिए रखा हुआ है. प्रधान लिपिक रंजन कुमार ने बताया कि यहां उपलब्ध अग्नि सुरक्षा उपकरण पूरी तरह से अपडेट है.

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