बोधगया. बुद्ध जयंती समारोह में गुरुवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि बुद्ध दिया है. बुद्ध के शांति के संदेश विश्व को भारत ने दिया है. राज्यपाल ने कहा कि भारत के लोग जहां भी गये, अपने साथ शस्त्र नहीं बल्कि शास्त्र लेकर गये. आज भी लोग बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार करते हैं व शांति का आह्वान करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत से जो भी विचार बाहर के देशों में गये, उसे पूरी दुनिया को अपनाने का समय आ गया है. उसमें शांति, करुणा, श्रद्धा, प्रेम व शांति शामिल है. राज्यपाल ने कहा कि भारत की हजारों वर्षों की जो परंपरा, विश्वास व श्रद्धा थी, उसे भगवान बुद्ध ने अपने आचरण से नये ढंग व तरीके से दुनिया के सामने रखा. उन्होंने इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल के अध्यक्ष द्वारा कही गयी बातों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने कभी भी युद्ध का आह्वान नहीं किया, बल्कि बुद्ध के संदेशों का ही प्रचार-प्रसार किया है. राज्यपाल ने बुद्ध के पवित्र अवशेषों के साथ पिछले दिनों अपने थाइलैंड यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि थाइलैंड के लोगों में बुद्ध के अवशेषों को प्राप्त करने के प्रति काफी उत्साह व निष्ठा देखी गयी. राज्यपाल ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे बुद्ध के संदेशों काे अंगीकार करते हुए विश्व को इसकी जरूरत बताएं. इससे पहले समारोह में मौजूद थाई काउंसुल जनरल ने संबोधित करते हुए कहा कि थाइलैंड के लोगों की यहां आवाजाही काफी बढ़ गयी है जो अच्छे संकेत हैं. उन्होंने बिहार सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन व मंदिर प्रबंधन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया. डीएम सह बीटीएमसी के अध्यक्ष डॉ त्यागराजन ने स्वागत भाषण देते हुए विगत वर्षों में मंदिर परिसर में किये गये विकास कार्यों व श्रद्धालुओं की सुविधा में की गयी बढ़ोतरी का उल्लेख किया. इससे पहले राज्यपाल, थाई काउंसुल व भिक्षुओं ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. भिक्षुओं ने सुत्तपाठ किया व सुबह 80 फुट बुद्ध मूर्ति से महाबोधि मंदिर तक विभिन्न देशों के भिक्षुओं व श्रद्धालुओं द्वारा आकर्षक झांकी निकाली गयी.
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