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सीयूएसबी में शोध प्रस्ताव विकसित करने के दिये गये टिप्स

सीयूएसबी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिमुखीकरण और संवेदीकरण विषय पर आयोजित आठ दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत शोध प्रस्ताव विकास व गुणवत्ता प्रकाशन तथा भारतीय ज्ञान परंपरा पर परिचर्चा में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किये.

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. सीयूएसबी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिमुखीकरण और संवेदीकरण विषय पर आयोजित आठ दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत शोध प्रस्ताव विकास व गुणवत्ता प्रकाशन तथा भारतीय ज्ञान परंपरा पर परिचर्चा में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किये. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा समर्थित यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमएमटी-पीपी) योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है. सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रमुख डॉ प्रभात रंजन की देख रेख में आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचइआइ) के 81 से अधिक शिक्षक और शोधकर्ता शामिल हुए हैं. औपचारिक उद्घाटन के बाद पहले सत्र की शुरुआत कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रभात रंजन द्वारा मुख्य वक्ता के परिचय के साथ हुई. मुख्य वक्ता आइयूसीटीइ, बीएचयू के निदेशक प्रो प्रेम नारायण सिंह ने उप-विषय उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा का एकीकरण पर चर्चा करते हुए भारतीय ज्ञान प्रणाली, वैदिक परंपराओं और स्वदेशी ज्ञान और कौशल के मूल पर जोर दिया. इस सत्र का समापन सीयूएसबी में संचालित एमएमटीटीसी के निदेशक डॉ तरुण कुमार त्यागी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ. दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ प्रभात रंजन (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस) ने एनइपी 2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली के विभिन्न आयामों को तकनीकी पहलुओं के संदर्भ में साझा किया. सत्र के अंत में डॉ नेमी चंद्र राठौर ने धन्यवाद ज्ञापन किया. अगले सत्र के मुख्य वक्ता कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा ने उप-विषय उच्च शिक्षा में शोध प्रस्ताव विकास और गुणवत्ता प्रकाशन पर एक व्याख्यान दिया. अपने व्याख्यान में प्रो राणा ने विस्तार से शोध प्रस्तावों की प्रकृति, विभिन्न प्रकार, शोध क्षेत्र और शोध प्रस्ताव की संरचना आदि पर चर्चा की. प्रो राणा ने प्रतिभागियों को एक संतुलित एवं आकर्षक शोध प्रस्ताव लिखने के गुर भी सिखाए. सत्र का समापन कंप्यूटर विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ जयनाथ यादव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.

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