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प्रशिक्षु शिक्षकों ने किया सीयूएसबी का भ्रमण

शिक्षक पेशे के बारे में सच्चे हैं, तो भारत निस्संदेह विश्वगुरु बनेगा : कुलपति

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 10:33 PM

शिक्षक पेशे के बारे में सच्चे हैं, तो भारत निस्संदेह विश्वगुरु बनेगा : कुलपति

फोटो- गया बोधगया 210- प्रशिक्षु शिक्षकों को संबोधित करते सीयूएसबी के कुलपति

डीआइइटी गया के

वरीय संवाददाता, गया

सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच के अंतर को समाप्त करने की एक अभूतपूर्व पहल में सरकारी शिक्षक प्रशिक्षु कार्यक्रम (डीआइइटी ) गया ने सीयूएसबी का भ्रमण किया. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि इस भ्रमण का उद्देश्य सेवारत शिक्षकों को आधुनिक शैक्षणिक तकनीकों और नवीनतम शैक्षिक अनुसंधान की व्यापक समझ प्रदान करना था. करीब 140 से अधिक शिक्षक प्रशिक्षुओं ने इस गहन अनुभव में भाग लिया, जिसे उनके शिक्षण कौशल को बढ़ाने और उनके शैक्षिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए डिजाइन किया गया था. इस भ्रमण में इंटरेक्टिव सत्र, एक व्यापक परिसर का दौरा और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और शैक्षिक विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चाएं शामिल थीं. प्रशिक्षुओं को पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं व इंटरैक्टिव शिक्षण केंद्रों समेत विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक सुविधाओं का व्यापक दौरा कराया गया. इस भ्रमण ने आधुनिक शैक्षिक सेटिंग में शिक्षकों व छात्रों के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी प्रदान की. प्रो रविकांत ने इस भ्रमण के बारे में अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि हमें इन महत्वाकांक्षी शिक्षकों की मेजबानी करके प्रसन्नता हो रही है. भावी शिक्षकों के लिए विश्वविद्यालय के गतिशील वातावरण का अनुभव करना व यहां विकसित अत्याधुनिक शोध और नवीन शिक्षण विधियों से प्रेरित होना महत्वपूर्ण है.

एक शिक्षक को शिक्षण और शिक्षक शब्दों के अर्थों से परिचित होने की जरूरत

सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने प्रशिक्षुओं व विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के लिए एक-दूसरे के साथ संपर्क बनाने के अवसर पैदा करने के संदर्भ में इस यात्रा के महत्व पर जोर दिया. इस जुड़ाव के दौरान यह अनुमान लगाया जाता है कि प्रशिक्षुओं के लिए उनके शिक्षण व्यवसायों में कार्य करने के दौरान एक सहायता प्रणाली स्थापित की जायेगी. यह बातचीत सहयोग और सलाह के लिए संभावित संभावनाओं को भी विकसित करेगी. एक शिक्षक के रूप में उन्होंने शिक्षक और शिक्षण शब्दों के अर्थों से परिचित होने के महत्व पर जोर दिया. यदि प्रत्येक शिक्षक अपने पेशे के बारे में सच्चा है, तो भारत निस्संदेह विश्वगुरु बन जायेगा. राष्ट्र को प्रत्येक नागरिक की प्राथमिकताओं की सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए और इस लक्ष्य को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका सरकारी स्कूलों व संस्थानों के सहयोगी प्रयासों के माध्यम से है. उन्होंने आशा व्यक्त किया कि भविष्य में इस तरह के अधिक-से-अधिक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया जायेगा, जिसकी सहायता से दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय समाज के विकास एवं विद्यालय-विश्वविद्यालय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा.

भावी शिक्षकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण का मिला अवसर

डीआइइटी गया के प्राचार्य डॉ अजय कुमार शुक्ला ने इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का यह एक्सपोजर भ्रमण भावी शिक्षकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. सीयूएसबी का यह एक्सपोजर भ्रमण उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस अवसर पर डायट गया के शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षक मौजूद थे. बता दें कि सरकारी शिक्षक प्रशिक्षु कार्यक्रम डायट, गया एक राज्य प्रायोजित पहल है, जो व्यापक प्रशिक्षण और विकास के अवसरों के माध्यम से महत्वाकांक्षी शिक्षकों को तैयार करती है.

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