”कॉरपोरेट कब्जे से मुक्ति के बिना खेती-किसानी का उत्थान संभव नहीं”

संयुक्त किसान मोर्चा व केंद्रीय श्रमिक संगठनों के देशव्यापी आह्वान व अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिलास्तरीय विरोध मार्च व सभा का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 6:31 PM

गया. संयुक्त किसान मोर्चा व केंद्रीय श्रमिक संगठनों के देशव्यापी आह्वान व अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिलास्तरीय विरोध मार्च व सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सैंकड़ों लोग शामिल हुए. विरोध मार्च आंबेडकर पार्क से निकाला गया जो जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचा. इस बीच कोतवाली स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि व मौन सभा आयोजित की गयी. मार्च में शामिल लोग केंद्र सरकार के विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलो, बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो के नारे लगा रहे थे. विरोध मार्च का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव बालेश्वर प्रसाद यादव, अखिल भारतीय किसान सभा के रामवृक्ष प्रसाद, ऑल इंडिया किसान सभा के राजकुमार शर्मा संयुक्त रूप से कर रहे थे. सभा को संबोधित करते हुए बालेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि मोदी सरकार किसान मजदूरों की कीमत पर कॉरपोरेट दोस्तों का मुनाफा बढ़ाने में लगी है. सरकार का तीसरा कार्यकाल चल रहा है, पर खेती-किसानी आज घाटे में चली गयी. किसान नेताओं ने कहा कि जिस तरह आजादी की लड़ाई में अगस्त क्रांति व अंग्रेजों भारत छोड़ो निर्णायक साबित हुआ, उसी तरह देश का किसान इस दौर में खेती किसानी को लाभदायक बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है. कॉरपोरेट कब्जे को खत्म किये बिना कृषि का भला नहीं हो सकता है. सभा को एक्टू नेता जियालाल प्रसाद, अखिल भारतीय किसान सभा के अरविंद कुमार सिन्हा, पारसनाथ सिंह, दयानंद वर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के जितेंद्र यादव, नवल किशोर, किसान मजदूर नेता निरंजन कुमार, तारिक अनवर, सीताराम शर्मा ने भी संबोधित किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version