जिले के दक्षिण-पश्चिम में सड़कों पर सन्नाटा, बंद रहीं दुकानें
नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी के एक दिवसीय बिहार-झारखंड बंदी को लेकर डुमरिया प्रखंड में असर देखने को मिला. सुबह से ही व्यवसायी अपनी-अपनी दुकानें बंद किये हुए थे.
डुमरिया. नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी के एक दिवसीय बिहार-झारखंड बंदी को लेकर डुमरिया प्रखंड में असर देखने को मिला. सुबह से ही व्यवसायी अपनी-अपनी दुकानें बंद किये हुए थे. प्रखंड क्षेत्र में स्थित लगभग आधा दर्जन बैंक व सीएसपी में भी ताले लटके रहे. प्रखंड के मंझौली, डुमरिया, कोलसैयता, मांडर, मैगरा,नारायणपुर आदि छोटे-मोटे बाजार भी बंद रहे. बसों का परिचालन बिल्कुल बंद रहा. डुमरिया से हर रूट के लिए खुलने वाले वाहनों का परिचालन नहीं हो सका. सड़कों पर सिर्फ छोटी गाड़ियां व ऑटो-टोटो चलते नजर आये. मैगरा में गुरुवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार पर भी बंदी का प्रतिकूल असर देखने को मिला. हालांकि मैगरा में सब्जी व फल की दुकानें खुली रहीं. दूसरी ओर बंदी को लेकर पुलिस-प्रशासन काफी सतर्क दिखा. सभी थानों की पुलिस रास्ते में पैट्रोलिंग करती नजर आयी. एसएसबी, सीआरपीएफ व एसटीएफ जवानों द्वारा छापेमारी अभियान भी चलाया गया था. गुरुआ थाना के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सली बंदी का मिलाजुला असर देखा गया. नक्सली बंद के दौरान गुरुआ, भरौंधा, नगवां व मंगरावां से चलनेवाली सभी यात्री बसों को बंद देखा गया, इससे जिला मुख्यालय जाने वाले लोगों को काफी कठिनाई हो रही थी. दूसरी तरफ बंदी के वजह से टोटो व ऑटो की बल्ले-बल्ले रही. वहीं बाजार की अधिकतर दुकानें सामान्य रूप से खुली रहीं. इधर पुलिस प्रशासन सख्त दिखा.
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