बोधगया. महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया में जयश्री महाबोधि विहार की 18वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत बुद्ध और उनके दो प्रमुख शिष्यों, अरहंत सारिपुत्त और महा मोगलाना के पवित्र अवशेषों की पूजा से की गयी. अस्थि अवशेष को महाबोधि मंदिर में वेदी पर रखा गया, जहां महाबोधि मंदिर के मुख्य भिक्षु चालिंदा ने इसे प्राप्त किया. बीटीएमसी के सचिव डॉ महाश्वेता महारथी और किरण लामा ने उनका स्वागत किया. भिक्षु चालिंदा ने अन्य भिक्षुओं के साथ जाप करते हुए सूतपाठ किया. अनुष्ठानों के बाद, जुलूस पवित्र बोधिवृक्ष होकर महाबोधि मंदिर की परिक्रमा की. परिक्रमा के बाद श्रीलंकाई बौद्ध मठ लाया गया. जुलूस का नेतृत्व तिब्बती मंदिर के लामाओं ने किया. उन्होंने पारंपरिक वाद्ययंत्र के साथ शामिल होकर बौद्ध समुदाय की एकता और भक्ति को रेखांकित किया. बुद्ध और उनके सम्मानित शिष्यों की अस्थियों को श्रीलंका मठ लाया गया, जहां शनिवार से श्रद्धालु दर्शन करेंगे
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