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आइआइएम बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति बोले-चुनौतियों को अवसर में बदलें युवा

आइआइएम बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एमबीए की डिग्री हासिल कर पास आउट होनेवाले छात्रों को कहा कि आप चुनौतियों को अवसर में बदलें. उन्होंने देश में विकास के बदलते माहौल की चर्चा करते हुए कहा कि आज आप के समक्ष काफी संभावनाएं व अवसर उपलब्ध हैं.

बोधगया. आइआइएम बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एमबीए की डिग्री हासिल कर पास आउट होनेवाले छात्रों को कहा कि आप चुनौतियों को अवसर में बदलें. उन्होंने देश में विकास के बदलते माहौल की चर्चा करते हुए कहा कि आज आप के समक्ष काफी संभावनाएं व अवसर उपलब्ध हैं. आप देश के प्रति समर्पित भाव के साथ मौजूदा संसाधनों का उपयोग कर देश की विकास में अपना योगदान देने के काबिल हैं. उपराष्ट्रपति ने दशक पहले का भारत व व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि तब शिक्षा हासिल करने की इतनी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, पर आज आप सौभाग्यशाली हैं कि देश में ही बेहतर संस्थानों में अध्ययन का अवसर प्राप्त हो रहा है. इस कारण आप नवाचार की ओर बढ़ें और 2047 तक विकसित भारत में आप अपनी अग्रणी भूमिका को प्रदर्शित करें. उन्होंने स्टर्टअप को भी बढ़ावा देने को प्रेरित किया व इस दौरान पिछले कुछ वर्षों में देश की तरक्की का भी जिक्र किया. उपराष्ट्रपति ने युवाओं को मजबूत इच्छाशक्ति के साथ राष्ट्र निर्माण व विकास की दिशा में अपने योगदान व भागीदारी को समर्पित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 2047 में भारत विश्व का लीडर होगा व देश तीसरी आर्थिक शक्ति के रूप में खड़ा होगा. लेकिन, अप सभी देश के लिए कितना समर्पित हैं, यह सोचने की जरूरत है. उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में ग्रेजुएटिंग छात्रों को स्कोलस्टिक पदक व डिग्री से सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह में 245 एमबीए छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी. इससे पहले उपराष्ट्रपति ने महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की व मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की. समारोह की शुरुआत आइआइएम बोधगया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष उदय कोटक द्वारा स्वागत भाषण से हुई. श्री कोटक ने 2015 में आइआइएम बोधगया की स्थापना व परिसर में छात्रों की संख्या के मामले में देश के शीर्ष पांच आइआइएम में शामिल होने तक की इसकी यात्रा का संक्षेप में वर्णन किया. श्री कोटक ने कहा कि हमें एक चुनौती और एक अवसर दिया गया था. हमने इसे बोर्ड के सभी सदस्यों के साथ मिलकर लिया और सरकार के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल दिया. आइआइएम बोधगया की निदेशक डॉ विनीता सहाय ने शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 के लिए वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उपलब्धियों व नये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर प्रकाश डाला. डॉ सहाय ने ग्रजुएटिंग बैच के छात्रों के सफल 100 प्रतिशत प्लेसमेंट पर भी प्रकाश डाला. समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर व भारत के जी-20 शेरपा व नीति आयोग के पूर्व सीइओ अमिताभ कांत भी शामिल हुए.

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