बिहार: जीन एडिटिंग और जीनोमिक्स ब्रीडिंग से होगा फसलों में सुधार, चौथे कृषि रोड मैप के लिए बना एक्शन प्लान
चौथे कृषि रोड मैप को लागू करने के लिए दो दिवसीय विचार गोष्ठी में जीन एडिटिंग और जीनोमिक्स ब्रीडिंग के जरिये फसलों में सुधार जैसी महत्वपूर्ण कार्यों की रूपरेखा तैयार की गयी.
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में सोमवार को चौथे कृषि रोड मैप को लागू करने के लिए दो दिवसीय विचार गोष्ठी आयोजित की गयी. पहले दिन फसल विविधीकरण और टिकाऊ गहनता को लागू करने के लिए मिल्लेट्स, दलहन व तिलहन की जलवायु अनुकूल किस्मों के लिए नवीन बीज प्रणालियों की डिजाइन पर चर्चा की गयी. जीन एडिटिंग और जीनोमिक्स ब्रीडिंग के जरिये फसलों में सुधार जैसी महत्वपूर्ण कार्यों की रूपरेखा तैयार की गयी. मॉनसून से पहले शुरू होने वाले कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने की बात कही गयी.
चौथे कृषि रोड मैप के तहत कार्य योजना बनायी गयी
चौथे कृषि रोड मैप के तहत विभिन्न घटकों के लिए कृषि अनुसंधान और तकनीकी विकास के लिए कार्य योजना बनायी गयी. अध्यक्षता बिहार सरकार के कृषि सलाहकार डॉ. मंगला राय ने की. मौके पर कृषि विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंदर, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह; डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के कुलपति डॉ. पीएस पांडे, कृषि निदेशक डॉ. आलोक रंजन घोष, आइसीआरआइएसएटी. के डीडीजी डॉ. अरविन्द कुमार मौजूद थे.
विशेषज्ञों व प्रतिनिधियों ने भाग लिया
साथ ही सेमी-एरीड ट्रॉपिक्स के लिए अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, कृषि विभाग और मृदा संरक्षण विभाग के विशेषज्ञों व प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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