Bihar News: बिहारशरीफ में ताड़-खजूर के पेड़ों की होगी जिओ टैगिंग, नीरा उत्पादन करने के लिए तैयारी शुरू
बिहारशरीफ में ताड़-खजूर के पेड़ों का सर्वे के उपरांत चिन्हित किए गए सभी टैपरों को मुख्यमंत्री सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभान्वित भी किया जाएगा. नीरा कलेक्शन के लिए सभी टैपरों को सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा.
बिहारशरीफ. राज्य में मद्य निषेध लागू होने के बाद से ताड़ी व्यवसाय में लगे लोगों को वैकल्पिक जीविकोपार्जन का साधन उपलब्ध कराने के लिए नीरा उत्पादन की योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. नीरा उत्पादन को व्यवस्थित करने को लेकर डीएम शशांक शुभंकर ने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की. पूर्व के वर्षों में कराये गये सर्वे में जिला में लगभग आठ लाख ताड़-खजूर के पेड़ पाये गये हैं. पूर्व के सर्वे के आधार पर जिला में 2425 टैपरों को नीरा कलेक्शन के लिए लाइसेंस दिया गया है.
जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर किसान सलाहकार एवं जीविका के ग्राम स्तरीय सदस्य के माध्यम से ग्रामवार ताड़-खजूर के पेड़ों तथा टैपरों का बृहद सर्वे कराने का निर्देश दिया. इसकी मॉनिटरिंग के लिए पंचायत स्तर एवं प्रखंड स्तर पर जिम्मेदारी तय की गई है. प्रखंड स्तर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बीपीएम जीविका द्वारा सर्वे कार्य की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जायेगी. सर्वे के क्रम में पेड़ों की नंबरिंग के साथ-साथ जियो टैगिंग भी की जाएगी. पेड़ों के मालिक तथा टैपिंग करने वाले व्यक्ति को भी सर्वे के क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा.
सर्वे के उपरांत चिन्हित किए गए सभी टैपरों को मुख्यमंत्री सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभान्वित भी किया जाएगा. नीरा कलेक्शन के लिए सभी टैपरों को सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा. नीरा आपूर्ति के लिए टैपरों को दो समूहों में बांटा जाएगा. एक समूह के टैपर फ्रेश नीरा बिक्री के लिए उत्पाद आपूर्ति करेंगे तथा दूसरे समूह के टैपर बाजार समिति स्थित नीरा प्रोसेसिंग प्लांट के लिए उत्पाद आपूर्ति करेंगे. बाजार समिति स्थित नीरा बॉटलिंग प्लांट को भी कॉम्फेड के माध्यम से चलाया जाएगा.
इसके लिए राज्य स्तर से कॉम्फेड द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट तमिलनाडु में नीरा उत्पादन क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था इको बॉडी की प्रतिनिधि शुभद्रा देवी द्वारा बुधवार को बाजार समिति में स्थित नीरा प्लांट का निरीक्षण किया गया. बैठक में भी वह उपस्थित थीं. उन्होंने प्लांट के संचालन को लेकर आगे की कार्य योजना के बारे में जिलाधिकारी को जानकारी दी. बैठक में उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव, डीपीएम जीविका उमाशंकर भगत, कॉम्फेड के पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.