पटना. हम अपने आंतरिक्ष को और बेहतर तरीके से समक्ष पायेंगे. इसके अलावा आंतरिक्ष की गहराइयों को समझने, सौर्य मंडल के सभी ग्रहों और उनकी कक्षाओं को जानने और खगोलिय घटनाओं को और बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलेगा.
दरअसल, पटना के तारामंडल को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है. जर्मन कंपनी कालजाइज को इसकी जिम्मेदारी मिली है. आधुनिकीकरण के अंतर्गत यहां के प्रोजेक्शन सिस्टम को पूर्ण रूप से डिजिटलाइज किया जायेगा. इसमें थ्री-डी के साथ ही टू-डी शो आदि भी दर्शक देख सकेंगे.
कंपनी की टीम ने तीन फरवरी को ऑडिटोरियम का निरीक्षण कर लिया है. वहीं तारामंडल में बने जीआइएस लैब के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को भी अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही तारामंडल के आधुनिकीकरण का फर्स्ट फेज का काम पूरा कर लिया गया है. इसमें तारामंडल के डोम की वाटर प्यूरिफिकेशन का पूरा लिया गया है. अब तारामंडल ऑडिटोरियम के इंटिरियर का फरवरी के तीसरे सप्ताह से शुरू कर दिया जायेगा.
तारामंडल डिजिटलाइज हो जाने से सौर्य मंडल पर बनी वर्ल्ड क्लास कई फिल्में को देख सकेंगे. इसके साथ ही यह लेजर प्रोजेक्टर आरजीबी (रेड, ग्रीन ब्लू) किरणों को कंप्यूटर के माध्यम से मिश्रित कर थ्री-डी शो के लिए वास्तविक रंगो का निर्माण करेगा, ताकि पूरा शो एकदम जीवंत लगे.
आधुनिकीकरण किये जाने के साथ सीटिंग एरेंजमेंट को भी बदला जायेगा जो पहले के मुकाबले और भी कंफर्टेबल होगा. इसके अलावा तारा मंडल परिसर में एक उच्च क्षमता का ऑप्टिकल टेलिस्कोप भी लगाया जायेगा इससे छात्र, शोधकर्ता, आम नागरिक खगोलीय घटनाओं को भी देख सकेंगे.
पटना तारामंडल के प्रोजेक्ट एंड प्रोग्रामिंग डायरेक्टर अनंत कुमार ने कहा कि 36 करोड़ की लागत से होने वाला तारामंडल के आधुनिकीकरण का कार्य एक से डेढ़ साल के अंदर पूरा कर लिया जायेगा. रिनोवेशन कार्य शुरू होने की वजह से फिलहाल तारामंडल में शो नहीं चल सकेगा.