कटिहार. भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जातिगत जनगणना को लेकर हो रही सर्वदलीय बैठक से चंद घंटे पहले एक बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा है कि हिंदू के साथ-साथ मुसलमानों की जातियों की भी गणना हो. कटिहार में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा जातीगत जनगणना का विरोध नहीं करती है, बल्कि हम चाहते हैं कि सभी धर्म और जाति के लोगों की गणना हो.
गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बिहार सरकार से जो जातीय जनगणना की बात की जा रही है, मैं जातीय जनगणना के साथ खड़ा हूं, लेकिन इसमें मुसलमानों को भी जाति की श्रेणी में रखना चाहिए. क्योंकि ये लोग भी फायदा लेते हैं, मुसलमानों में भी परसमांदा की स्थिति सही नहीं है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को जातिगत जनगणना में शामिल नहीं करना चाहिए. उन्हें जातीय जनगणना से हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यक पर पुनर्विचार करना चाहिए.
गिरिराज सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना में 11 जिलों को 1991 में राजेंद्र यादव और राजेंद्र यादव ने पटीशन दिया था कि जो लोग विदेशी हैं, उनके नाम को मतदाता सूची से नाम काटे गये थे. गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में मुसलमानों के नाम पर बांग्लादेशी आकर बस गये हैं. बिहार सरकार से आग्रह है कि इन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बिहार से निकाला जाए.
गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विकास के अजेंडे में ले गये. देश का अगर बजट 2014 में साढ़े 16 लाख करोड़ का था, तो आज साढ़े 37 लाख करोड़ तक गया है. गिरिराज सिंह ने कहा कि कई लोग समाज में अपना एजेंडा चाहते हैं, जो अब आसान नहीं है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि आज की तारीख में देश में धर्म परिवर्तन मुश्किल है. उन्होंने सरकार से इसपर एक सख्त कानून लागू करने की मांग की. ज्ञानवापी मामले पर गिरिराज सिंह ने कहा कि यह 1991 के कानून के दायरे में नही है.