मुजफ्फरपुर. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद अब गुलाम रसूल बलियावी के बयान ने बिहार की राजनीति में तूफान ला दिया है. भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर दहाड़ा है. जदयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी के शहरों को कर्बला बना देनेवाले विवादित बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत के हिंदू चूड़ी पहन कर नहीं बैठे हैं. मुजफ्फरपुर पहुंचे बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेवार ठहराया है. गिरिराज ने कहा है कि नीतीश की शह पर उनके मंत्री और नेता हिंदुओं को अपमानित करने का काम कर रहे हैं. उनके एक मंत्री रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता भारत के शहरों को कर्बला का मैदान बनाने की बात कहते हैं.
गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार एक लाचार मुख्यमंत्री हैं और धृतराष्ट्र बनकर सबकुछ देख मौन बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री हिंदुओं को गाली दिलवाने का काम कर रहे हैं और सत्ता के लोभ में जनता को अपमानित करा रहे हैं. नीतीश कुमार के नेता कहते हैं कि प्रधानमंत्री बनने के लोभ में वे विष पी रहे हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री के पार्टी के लोग मानसपाठ कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के भीतर काम करने वाले मंत्री हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ पर टिप्पणी कर लोगों को अपमानित कर रहे हैं. बिहार आज के समय में सबसे बुरी स्थिति में पहुंच गया है. गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारी सहिष्णुता की परीक्षा न ली जाये, भारत के हिंदुओं चूड़ी पहनकर नहीं बैठे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि क्या किसी में हिम्मत है कि वह वह टुकड़े-टुकड़े गैंग या मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान के बारे में कुछ बोल सकता है. अगर किसी पन्ने पर टिप्पणी कर देते तो सिर तन से जुदा करने की बात होने लगती, लेकिन वोट के सौदागर समाज को तोड़ने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं. माता सबरी हो या, निषाद राज ये धरोहर भगवान राम ने पैदा किया. हिंदुओं के लिए रामायण और गीता पवित्र ग्रंथ हैं, लेकिन बिहार की सरकार उसे अपमानित करने का काम कर रही है. गिरिराज ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कुछ गलती कर दी थी, जिसका खामियाजा हिंदू धर्म के लोग भुगत रहे हैं. 1947 में अगर धर्म के आधार पर पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उस वक्त सभी लोग उधर चले जाते तो आज हिंदू धर्म के लोगों को यह नहीं झेलना पड़ता कि कोई आकर डराता और धमकाता कि करबला कर देंगे.