मोबाइल पर दिन भर सुशांत की स्टोरी देखने के बाद छात्रा ने रात में किया सुसाइड, मां को इस तरह लग चुकी थी भनक…
पटना: मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद राजेंद्रनगर रोड नंबर-12 की रहने वाली इशिका (17 वर्ष) पहले से ही अवसाद में थी. उसका पेपर अच्छा नहीं गया था. इस बीच मुंबई में फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड कर लिया. इस घटना के बाद सोमवार को पूरा दिन इशिका मोबाइल और टीवी पर सुशांत की सुसाइड स्टोरी देखती रही. इशिता की मां गौरी देवी ने बताया कि शाम को उसको डांट लगायी.
पटना: मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद राजेंद्रनगर रोड नंबर-12 की रहने वाली इशिका (17 वर्ष) पहले से ही अवसाद में थी. उसका पेपर अच्छा नहीं गया था. इस बीच मुंबई में फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड कर लिया. इस घटना के बाद सोमवार को पूरा दिन इशिका मोबाइल और टीवी पर सुशांत की सुसाइड स्टोरी देखती रही. इशिता की मां गौरी देवी ने बताया कि शाम को उसको डांट लगायी.
पीएमसीएच में भर्ती कराया गया, हुई मौत
इसके बाद रात में 10:30 इशिका की मां छत पर टहलने चली गयी. कुछ देर बाद जब वह नीचे आयी, तो उन्होंने देखा कि बेटी इशिका छत की कुंडी में फांसी का फंदा लगा चुकी है. उसने शोर मचाना शुरू किया. उसे नीचे उतारा गया और पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गयी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. कदमकुआं थाने में पुलिस ने यूडी केस दर्ज कर लिया है.
साड़ी से पंखे में बने हुए फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली
कदमकुआं के रोड नंबर 12 में इशिका अपनी एक बहन और मां गौरी देवी के साथ रहती थी. पारिवारिक विवाद की वजह से प्राइवेट काम करने वाले इशिका के पिता रंजन कुमार अलग रहते हैं. उन्हें सुबह सात बजे कॉल कर गौरी देवी ने ही बेटी के सुसाइड करने की जानकारी दी. पीएमसीएच टीओपी में सब इंस्पेक्टर अमित कुमार के सामने जो बयान गौरी देवी ने दर्ज कराया है, उसके अनुसार उन्होंने अपनी बेटी को काफी समझाया बुझाया था. उसे सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड की स्टोरी नहीं देखने को कहा था. उस समय तो उसने टीवी बंद कर दिया था. लेकिन उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था. आधे घंटे बाद जब वह नीचे आयी, तो इशिका के कमरे में गयी. सामने में बेटी साड़ी से पंखे में बने हुए फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली. मां ने खुद फंदे से उसे उतारा और सीधे लेकर पीएमसीएच पहुंची. जहां डॉक्टर ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya