ठाकुर शक्तिलोचन: बिहार में नक्सलियों (Naxalite) को पकड़ने का अभियान लगातार तेजी से चलता रहा है. एक के बाद एक करके दुर्दांत व हार्डकोर इनामी नक्सली पुलिस की पकड़ में आ रहे हैं. वहीं कई हार्डकोर नक्सली सरेंडर को भी मजबूर हैं. कई बड़े कद के नक्सली अब पुलिस के नए जाल से मुश्किलों में घिरे हैं. दरअसल, पिछली कुछ गिरफ्तारियों पर नजर डालें तो वो महिला नक्सली टारगेट पर रही जो बड़े कद के नक्सलियों से अधिक करीबी के रूप में जानी गयी.
बिहार के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में अब खुशहाली देखी जाती है. एक के बाद एक करके नक्सलियों के किले ध्वस्त किए जा रहे हैं. वहीं अब बड़े कद के नक्सलियों और उसके किले को ध्वस्त करने के लिए एक नयी रणनीति पर काम करते पुलिस को देखा जा रहा है. यह दावा नहीं बल्कि पिछली कुछ गिरफ्तारियों से मिल रहे संकेत मात्र हैं. जिसमें दुर्दांत नक्सलियों से बेहद करीब रही उनकी साथी महिला नक्सली को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ में बड़े-बड़े खुलासे हो रहे.
पिछले दिनों हुई दो बड़ी गिरफ्तारी पर नजर डालें तो यह साफ समझ आ जाएगा. पिछले दिनों एक महिला नक्सली रेणुका को गिरफ्तार किया गया. ये गिरफ्तारी ऐसी थी कि इसकी चर्चा जंगल में आग की तरह फैली. दरअसल, रेणुका को माओवादी सेंट्रल कमिटी के सचिव और हार्डकोर प्रवेश दा के नाम से चर्चित नक्सली की बेहद करीबी साथी के रूप में जाना जाता है. वह प्रवेश दा के अपराध की दुनिया का महत्वपूर्ण हिस्सा रही और उसके पास से पुलिस को कई अहम राज मिल सकते हैं. जिससे नक्सलियों की कमर तोड़ी जा सकती है. बिहार -झारखंड में रेणुका सक्रिय रहती थी और लोकेशन बदलते रहती थी.
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वहीं दूसरी गिरफ्तारी हाल में ही दुखनी नाम की एक नक्सली की हुई है. लखीसराय में छापेमारी के दौरान पुलिस ने दुखनी नाम की एक महिला नक्सली को गिरफ्तार पिछले दिनों किया. दुखनी की गिरफ्तारी बेहद खास थी. दरअसल, इसे दुर्दांत नक्सली अविनाश दा यानी अरविंद यादव का बेहद करीबी माना जाता है. ऐसी चर्चा है कि दुखनी अविनाश दा की हर नक्सल गतिविधियों में पिछले कुछ सालों में साथ रही. उसकी गिरफ्तारी से अब अविनाश दा गैंग की कई अहम जानकारी पुलिस को मिलेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan