सुपौल. जिले के मरौना प्रखंड के कमरैल पंचायत में पानी भरे गड्ढे में चार बच्चियां डूब गयी. उनमें 3 बच्चियों की मौत हो गयी है, जबकि एक बच्ची को किसी तरह गांव वालों ने बचा लिया. अन्य को बचा पाने में उन्हें सफलता नहीं मिली. घटना के संबंध में बताया जाता है कि कमरैल पंचायत के सिरखरिया गांव में बारिश के दौरान नहाने के क्रम में 4 बच्चियां गांव में पानी भरे गड्ढे में डूब गये. जब तक लोग कुछ समझ पाते तीन बच्चियों की मौत हो चुकी थी, जबकि स्थानीय लोगों की मदद से एक बच्ची की जान बच गयी. मृत बच्चियों में राजलाल यादव के 10 साल की पुत्री मंजू कुमारी, 12 साल की पुत्री अंजली कुमारी और अरविंद कुमार की पुत्री ललिया कुमारी शामिल हैं. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची मरौना थाने की पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की.
स्थानीय लोगों की माने तो चारों बच्चियां भैंस चराने के क्रम में खेत के तरफ गई थी. इसी दौरान चारों बच्चियां खेत के बगल में गहरे चांप में जमा बारिश के पानी में नहाने लगे. नहाने के क्रम में चारों बच्चियां दलदल में फंस गई. तभी बच्चियों के रोने की आवाज सुनकर गांव के कुछ लोग मौके पर पहुंच गये. लोगों ने चारों बच्चियों की काफी खोजबीन की. पानी मे डूबते बच्चियों को बचाने की भरपूर कोशिश की गई. किसी तरह एक बच्ची को पानी से बाहर निकाला जा सका, लेकिन तीन की मौत हो चुकी थी. 3 शवों को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया. इस घटना से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
घटना के संबंध में मरौना पुलिस ने बताया कि मरौना थाना क्षेत्र की कमरैल पंचायत में चाप में डूबने से तीन बच्चियों की मौत हो गयी है. तीनों मृतका मिडिल स्कूल कमरैल में पढ़ती थी. मरनेवाली लड़कियों में कमरैल वार्ड 7 निवासी अनिल यादव की पुत्री ललिता कुमारी (12), राज लाल यादव की पुत्री मंजूषा कुमारी (10) और अंजली कुमारी (8) शामिल है. ये सभी लड़कियां मवेशी चराने गांव के बगल में गई थी. मवेशी चरते हुए पानी भरे चाप मेंचले गये. ललिता मवेशी को चाप से निकालने गई तो वह गहरे पानी में चली गई. ललिता को डूबता देख मंजूषा और अंजली बचाने गई, लेकिन वह दोनों भी पानी में डूब गई. आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों ने जब तीनों लड़कियों को पानी में डूबते देखा तो दौड़कर वहां पहुंचे.
इधर, तीन बालिकाओं की मौत से गांव में मातम पसरा है. मृतकों के माता-पिता सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. एक साथ तीन बालिकाओं की मौत से हर कोई गमजदा दिखे. उधर, मौत की खबर सुनते ही सीओ किसलय कुमार, थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार, मुखिया देवेंद्र ठाकुर, राजनारायण निराला, पंसस प्रदीप प्रकाश सहित अन्य घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी. सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने दी. उन लोगों ने ही यह सूचना बच्चियों के परिजनों को दी. इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से लगभग एक घंटे बाद तीनों को पानी से बाहर निकाला गया. तबतक काफी देर हो चुकी थी. थानाध्यक्ष ने बताया कि तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि यूडी केस दर्ज कर लिया गया है.
बताया जाता है कि कमरैल गांव में जिस चाप में तीनों बालिकाओं की मौत हुई है उस चाप से बरसात के पहले जेसीबी से मिट्टी बाहर निकाली गई थी. इसके कारण चाप में काफी पानी हो गया था. इसका अंदाजा बालिकाओं को नहीं हुआ. भैंस चाप में घास चरने उतर गई, इसके कारण यह घटना घटी. इस संबंध में खनन विकास पदाधिकारी का कहना है कि अवैध खनन की शिकायत या सूचना मिलने के बाद या क्षेत्र भ्रमण के दौरान ऐसी बात सामने आती है तो कार्रवाई की जाती है. हालांकि, खनन के बाद गड्ढों को छोड़ देने पर यदि डूबने से किसी की मौत हो जाती है, तो ऐसे मामलों में उनके विभाग की भूमिका नहीं होती है.
जिला आपदा पदाधिकारी कहते हैं कि जेसीबी से खोदे गये गड्ढों में हुई मौतों की रिपोर्ट संबंधित प्रखंड के सीओ से मांगी गई है. बिस्फी के सीओ ने यह जानकारी दी थी कि एक घटना में परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया था. ऐसे में मामलों में पोस्टमार्ट और पुलिस रिपोर्ट जरूरी होती है. प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि नदी, तालाब और ऐसे गड्ढों से लोगों का खासकर बच्चों को दूर रखा जाये.